रात में पंखा चलने और कम कपड़े पहनने से बढ़ रहे कोल्ड डायरिया के मामले Gorakhpur News
इन दिनों में दिन में गर्मी और शाम होते ही अचानक पारा गिर जा रहा है। अभिभावक दिन में बच्चों को कम कपड़े पहना रहे हैं। रात में अब भी ज्यादातर लोग पंखे चला रहे हैं। इसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।
गोरखपुर, जेएएन। बड़ों को हो रही गर्मी, बच्चों को बीमार बना रही है। रात में घरों में पंखा चलने के कारण बच्चे तेजी से कोल्ड डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञों की क्लीनिक में आने वाले बच्चों में सबसे ज्यादा कोल्ड डायरिया के शिकार हैं। ठंड से न बचने के कारण बच्चों को बुखार, सर्दी और खांसी भी हो रही है। डाक्टरों का कहना है कि जल्द इलाज न शुरू हो तो बच्चे निमोनिया से ग्रसित हो सकते हैं।
इन दिनों में दिन में गर्मी और शाम होते ही अचानक पारा गिर जा रहा है। अभिभावक दिन में बच्चों को कम कपड़े पहना रहे हैं। यही कपड़े बच्चे शाम को भी पहने रह जाते हैं। रात में अब भी ज्यादातर लोग पंखे चला रहे हैं। इसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।
यह है कोल्ड डायरिया के लक्षण
दस्त होना, पेशाब कम हो जाना, बच्चों में सुस्ती और चिड़चिड़ापन आ जाता है। इसके लिए जरूरी बचाव करना है। दस्त होना शुरू होने पर इसे पेट साफ होना न मानें बल्कि तत्काल ओआरएस और जिंक देना शुरू कर दें। बच्चों के पेशाब पर ध्यान दें। यदि पेशाब कम हो रही है या नहीं हो रही है तो तत्काल डाक्टर के पास पहुंचें।
बुखार, सर्दी हो तो यह करें
बच्चे की नाक हमेशा साफ करते रहें, थर्मामीटर से बुखार की मानीटरिंग करें। यदि बुखार तेज हो रहा है तो सिर पर पानी की पट्टी करते हुए पूरे शरीर को पोछें। जल्द से जल्द बच्चे को लेकर शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ के पास पहुंचें। शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डा. दिनेश चंद्रा का कहना है कि ठंड बढ़ रही है। शाम होते ही पारा अचानक बहुत नीचे आ जा रहा है। इस मौसम में बच्चों के पहनावे पर बहुत ध्यान देना चाहिए। ऊनी कपड़े जरूर पहनाएं और रात में पंखा न चलाएं। ठंड में प्रदूषण ज्यादा बढ़ता है इसलिए बच्चे को सुबह-शाम घर से न निकलने दें।