ठंड ने तोड़ा 58 साल का रिकार्ड, 1961 के बाद रिकार्ड हुआ सबसे कम अधिकतम तापमान Gorakhpur News
गोरखपुर में ठंड ने बीते 58 साल के दिसंबर की ठंड का रिकार्ड तोड़ दिया है। शनिवार को रिकार्ड तोड़ अधिकतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
गोरखपुर, जेएनएन। इस बार कड़ाके की ठंड ने बीते 58 साल के दिसंबर की ठंड का रिकार्ड तोड़ दिया है। शनिवार को रिकार्ड तोड़ अधिकतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। इससे पहले 1961 के दिसंबर में अधिकतम तापमान का न्यूनतम आंकड़ा 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक तापमान के न्यूनतम स्तर पर बने रहने का सिलसिला अभी जारी रहेगा। न्यूनतम तापमान में और अधिक गिरावट दर्ज की जाएगी। शनिवार का न्यूनतम तापमान 5.3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
कोल्ड-वेव के दायरे में आया शहर
अधिकतम और न्यूनतम तापमान के आंकड़ें के मुताबिक मौसम विभाग के मानक पर शनिवार को गोरखपुर कोल्ड-डे और कोल्ड-वेव के दायरे में रहा। मानक के अनुसार 16 डिग्री सेल्सियस से कम अधिकतम तापमान वाले दिन को कोल्ड-डे और छह डिग्री सेल्सियस से कम न्यूनतम तापमान वाले दिन को कोल्ड-वेव के दायरे में रखा जाता है। गोरखपुर इन्वायरमेंटल एक्शन गु्रप के मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय ने बताया कि उत्तर व मध्य पाकिस्तान पर पश्चिमी विक्षोभ अभी भी बना हुआ है। साइबेरिया से आ रही बर्फीली हवाएं भी उत्तर भारत तक लगातार पहुंच रही हैं। ऐसे में पश्चिमोत्तर के पहाड़ों पर लगातार बर्फबारी हो रही है। ऐसे में उधर से आ रही सर्द और शुष्क पछुआ हवाएं पूर्वी उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड की वजह बन रही हैं।
कोल्ड-डे का टूटा 42 वर्ष का रिकार्ड
कैलाश पांडेय ने बताया कि दिसंबर के नौ दिन कोल्ड-डे की चपेट में रहे हैं। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार बीते 42 वर्ष में दिसंबर के महीने में इतने दिन कोल्ड-डे नहीं रहे। इसके पहले 2016 के दिसंबर में आठ दिन कोल्ड-डे की चपेट में रहे थे। इस दिसंबर के 23 दिन अबतक कोहरे के रहे हैं। इससे पहले 2016 के दिसंबर में भी 24 दिन कोहरा रहा था। चूंकि अभी महीने में तीन दिन शेष हैं, ऐसे में कोहरे का भी बीते 42 वर्ष का रिकार्ड टूट सकता है।
शाम होते ही बाजारों में पसरा सन्नाटा
सूर्यदेव के दर्शन नहीं होने से सर्द हवाओं के थपेड़ां से गलन का सितम जारी रहा। हांड़ कंपा देने वाली ठंड से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। शाम होते ही बाजारों में सन्नाटा पसर जा रहा है। ग्राहकों की भीड़ नहीं के बराबर हो रही है। ठंड में काम न मिलने से दिहाड़ी मजदूरों के रोजगार पर संकट आ गया है।
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