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सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने गोरखपुर में रखी गुरु गोरक्षनाथ शोधपीठ की आधारशिला

गोरखपुर विश्वविद्यालय में गुरु गोरक्षनाथ शोध पीठ भवन की आधारशिला रखते हुए सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने आशा जताई कि गुरु गोरक्षनाथ शोध पीठ का उद्देश्य में निश्चित ही सफल होगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 30 Nov 2018 02:48 PM (IST)Updated: Fri, 30 Nov 2018 05:33 PM (IST)
सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने गोरखपुर में रखी गुरु गोरक्षनाथ शोधपीठ की आधारशिला
सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने गोरखपुर में रखी गुरु गोरक्षनाथ शोधपीठ की आधारशिला
गोरखपुर, जेएनएन। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की मूल परंपरा अध्यात्मिक रही है। इसी के बल पर भारत ने विश्व का नेतृत्व किया है। गुरु श्री गोरक्षनाथ ऐसे ही ऋषि हैं, जिन्होंने युगों तक भारतीय सांस्कृतिक चेतना को जागृत किया है। आज के समय मे एक बार हमें आवश्यकता है स्वचेतना जागृति की, जिससे हमारा सांस्कृतिक-आध्यत्मिक और बौद्धिक अभ्युदय हो सके। गोरखपुर विश्वविद्यालय में गुरु गोरक्षनाथ शोध पीठ के भवन की आधारशिला रखते हुए योगी ने आशा जताई कि गोरखपुर विश्वविद्यालय में स्थापित होने जा रहा गुरु गोरक्षनाथ शोध पीठ का उद्देश्य निश्चित ही सफल होगा।
विश्वविद्यालय के क्रीड़ा संकुल में आयोजित शिलान्यास समारोह में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन प्रो. डीपी सिंह भी मौजूद रहे। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में योग-संगम कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जहां एक साथ 5000 विद्यार्थी विभिन्न योगमुद्राओं का प्रदर्शन किया। यूजीसी के चेयरमैन प्रो. डीपी सिंह ने कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य शरीर और बुद्धि के साथ आत्मा का उन्नयन करना है। इसके लिए हमें अपनी आध्‍यात्मिक चेतना का विकास करना होगा। चैयरमैन ने सभी विश्वविद्यालयों से नैक प्रत्यायन कराने पर भी जोर दिया।
बता दें कि विश्वविद्यालय के एमपी परिसर में बनने जा रहे शोधपीठ के चार मंजिला भवन व गेस्ट हाउस निर्माण के लिए पिछले दिनों प्रदेश सरकार ने 13.84 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। राज्य सरकार द्वारा स्थापित गुरु गोरक्षनाथ शोधपीठ में विभिन्न श्रेणी के 28 पदों भी सृजित किए गए हैं, जिन पर नियुक्तियां होनी हैं।
विश्वविद्यालय परिसर में गूंजी गोरखबानी
सीएम के आने से पहले योग प्रदर्शन का कार्यक्रम हुआ। इसके बाद लोकगायक राकेश श्रीवास्तव एवं उनकी टीम द्वारा गोरखबानी की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर 'योग और महायोगी गोरखनाथ' विषय पर डॉ. कन्हैया सिंह का व्याख्यान भी हुआ तो शोधपीठ की वेबसाइट एवं डॉ. प्रदीप राव द्वारा लिखित किताब 'नाथपंथ' का विमोचन भी हुआ।

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