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सीएम योगी आदित्‍यनाथ का गोरखपुर आने का कार्यक्रम बदला, अब 13 को आएंगे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को गोरखपुर आ रहे हैं। उनका यह दौरा बतौर गोरक्षपीठाधीश्ववर नवरात्र की नवमी तिथि की पूजा को लेकर हो रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 11:14 AM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 05:00 PM (IST)
सीएम योगी आदित्‍यनाथ का गोरखपुर आने का कार्यक्रम बदला, अब 13 को आएंगे
सीएम योगी आदित्‍यनाथ का गोरखपुर आने का कार्यक्रम बदला, अब 13 को आएंगे

गोरखपुर, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर दौरे के कार्यक्रम में बदलाव हुआ है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी प्रोटोकाल के अनुसार मुख्यमंत्री का आगमन अब 13 अप्रैल की सुबह होगा। उसी दिन शाम को वह कानपुर को प्रस्थान करेंगे। पहले उनके शुक्रवार को ही गोरखपुर आने की संभावना जताई गई थी।
प्रोटोकाल के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 13 अप्रैल की सुबह 8:55 बजे गोरखपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। 9:15 वह गोरखनाथ मंदिर पहुंचेंगे। गोरखनाथ मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी के अनुसार बतौर गोरक्षपीठाधीश्ववर योगी आदित्यनाथ यहां नवमी तिथि की पूजा-अर्चना करने के बाद कुंवारी कन्याओं और बटुक भैरव के पांव पखार कर उन्हें अपने हाथों से भोजन कराएंगे।
इसके बाद वह यज्ञशाला में आयोजित हवन में शामिल सम्मलित होंगे। मुख्यमंत्री अपराह्न 02:45 पर गोरखनाथ मंदिर से चित्रगुप्त मंदिर, बक्शीपुर के लिए प्रस्थान करेंगे। यहां 03:00 से 04:00 बजे तक वह पूर्व विधायक स्व. अवधेश कुमार श्रीवास्तव की पुण्यतिथि पर आयोजित स्मृति दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगे। यहां से शाम 04:15 बजे गोरखपुर एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। यहां के बाद वह कानपुर के लिए प्रस्थान करेंगे।

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विपक्ष के दांव का तकनीकी काट तैयार कर रही भाजपा की साइबर टीम

विपक्षी दलों की एकजुटता से लोकसभा उपचुनाव में लंबे समय बाद हार का सामना करने वाली भाजपा एक बार फिर इस चुनौती से पार पाने की हर संभव कोशिश कर रही है। इसी कोशिश की एक महत्वपूर्ण कड़ी है पार्टी का मीडिया और आइटी सेल। दरअसल विपक्षियों के चक्रव्यूह को तोडऩे के लिए इन दोनों सेल को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। सेल में पार्टी के वह कार्यकर्ता शामिल किए गए हैं, जो तकनीकी रूप से दक्ष हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से विपक्ष के हर दांव को फेल करने की जिम्मेदारी इनको सौंपी गई है।

सेल से कोई चूक न होने पाए, इसके लिए लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र स्तर पर अलग-अलग जिम्मेदारी तय की गई है। बाकायदा लोकसभा प्रभारी और विधानसभा प्रभारी बनाए गए हैं, जो सेल के संचालन पर न केवल नजर रखेंगे बल्कि जरूरत पडऩे पर मार्गदर्शन भी देंगे। दोनों ही प्रभारी 11 सदस्यीय टीम का नेतृत्व करेंगे। इस टीम का अस्तित्व चुनाव सम्पन्न होने के बाद अपने-आप समाप्त हो जाएगा। शीर्ष नेतृत्व से अद्यतन मिलने वाले संदेशों को कार्यकर्ताओं तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर होगी। इसी तरह चुनाव संचालन के लिए मीडिया के तीन-तीन कार्यकर्ताओं को लोकसभा और विधानसभा स्तर पर लगाया गया है।

इस सेल को लेकर पार्टी नेतृत्व की संजीदगी की बानगी यह है कि अब तक टीम में किसी एक व्यक्ति को ही जिला और क्षेत्र प्रभारी का कार्य दिया जाता था और उसे एक या दो सहयोगी दिए जाते थे, लेकिन नई चुनावी रणनीति में मीडिया के दो विभाग प्रदेश, क्षेत्र, जिला और महानगर के लिए कार्य कर रहे हैं। इसी तरह आइटी और सोशल मीडिया विभाग, जो संगठन में पहले से मौजूद थे, उसे और अधिक मजबूत बनाने के लिए जिला और महानगर स्तर की टीम बनाई गई है। यहां तक कि मंडल स्तर पर भी एक आइटी टीम कार्य कर रही है।


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