Gorakhpur Weather News: गोरखपुर के आसमान में बादलों का डेरा, तेज हवाओं व बूंदाबादी ने गिराया पारा
Gorakhpur Weather News 5 May 2021 गोरखपुर और आसपास क्षेत्र में भी कहीं बूंदाबांदी तो कहीं हल्की बारिश की खबर है। मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक बूंदाबादी से लेकर बारिश का यह सिलसिला तीन दिन तक चलते रहने का पूर्वानुमान है।
गोरखपुर, जेएनएन। 15 से 20 किलोमीटर की रफ्तार से बंगाल की खाड़ी की ओर से चल रहीं नम पुरवा हवाओं ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश की ऊपरी हवाओं में बने चक्रवातीय हवा के क्षेत्र का साथ पाकर इन हवाओं ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र में हल्की बारिश करा दी है। गोरखपुर और आसपास क्षेत्र में भी कहीं बूंदाबांदी तो कहीं हल्की बारिश की खबर है। मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक बूंदाबादी से लेकर बारिश का यह सिलसिला तीन दिन तक चलते रहने का पूर्वानुमान है।
15 से 20 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही पुरवा हवाएं, बना हुआ है चक्रवातीय हवाओं का क्षेत्र
नमी के साथ चल रही पुरवा हवाओं ने गोरखपुर सहित आसपास के क्षेत्रों का पारा भी गिरा दिया है। बुधवार की सुबह गोरखपुर का तापमान तो 22 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया लेकिन तेज ठंडी हवाओं के चलते लोगों को 18 डिग्री सेल्सियस की ठंड का अहसास हुआ। मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के उत्तरी क्षेत्रों यानी निचलौल, ठूठीबारी, महराजगंज, परतावल, फरेंदा आदि स्थानों पर मंगलवार की देर रात से ही रूक-रूक कर हल्की बारिश शुरू हो चुकी है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में तीन दिन तक जारी रहेगा हवा के साथ हल्की बारिश का सिलसिला
गोरखपुर के पिपराइच, कैंपियरगंज, जंगल कौड़िया के अलावा शहर में कई स्थानों पर बूंदाबादी से लेकर हल्की बारिश की रिपोर्ट है। उन्होंने बताया कि हवा, बूंदाबादी और हल्की बारिश का यह क्रम सात मई तक जारी रह सकता है। मौसम का यह बदला मिजाज तापमान को बढ़ने से रोके रखेगा। अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहने की पूर्वानुमान है। सात मई के बाद एक बार फिर मौसम साफ होगा और धूप अपने पुराने तेवर में आएगी। चूंकि उसके बाद बारिश की वजह से वातावरण में पर्याप्त नमी भी रहेगी, इसलिए उमस भरी गर्मी का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
किसानों के लिए अमृत वर्षा साबित होगी यह बारिश
कृषि विज्ञान केंद्र, बेलीपार के कृषि वैज्ञानिक डा. एसके तोमर इस बारिश को किसानों के लिए काफी उपयोगी बता रहे हैं। उन्होंने बताया कि जायद की फसल के लिए यह बारिश अमृत साबित होगी। बारिश हो जाने से सिंचाई का खर्च बचेगा, जिससे लागत में कमी आएगी। इसके अलावा ढैंचा बोने वाले किसान खेत की नमी का फायदा उठाकर इसकी बुआई कर सकेंगे। इस बारिश से किसानों को धान की फैसल के लिए खेत तैयार करने में भी आसानी होगी।
वह खेत की मिट्टी को पलटवा कर वेस्ट मेटेरियल को सड़ाने का काम कर सकेंगे। खेत की लेवलिंग भी इस बारिश की वजह से आसान हो जाएगी। इससे धान की फसल को 10 से 15 प्रतिशत कम पानी की जरूरत पड़ेगी और पैदावार में 15 से 20 फीसद की बढ़ोत्तरी होगी। कहने का मतलब किसान कम लागत में अधिक उत्पादन करके ज्यादा मुनाफा कमा सकेंगे।