नगर निगम के महेवा स्टोर का लिपिक डेढ़ साल से था गायब, ऐसे खुला भेद Gorakhpur News
नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि कार्यों व दायित्वों के प्रति लापरवाही बरतने वालों को किसी भी हल में बख्शा नहीं जाएगा। जिसकी जो जिम्मेदारी है उसे काम करना होगा।
गोरखपुर, जेएनएन। नगर निगम के लापरवाह कर्मचारियों पर नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह ने गाज गिरानी शुरू कर दी है। तैनाती के बाद भी ड्यूटी पर न जाने वाले महेवा स्टोर के कनिष्ठ लिपिक कौशलानंद पांडेय को निलंबित कर दिया गया है। सहायक अभियंता अशोक सिंह ने नगर आयुक्त को रिपोर्ट दी थी कि कौशलानंद पांडेय स्टोर पर नहीं जाते हैं। कौशलानंद को मुख्य कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। सहायक नगर आयुक्त वैभव त्रिपाठी को जांच सौंपी गई है।
कनिष्ठ लिपिक कौशलानंद पांडेय को 31 दिसंबर 18 को नगर निगम के महेवा स्टोर पर सहायक अभियंता अशोक सिंह के साथ संबद्ध किया गया था। नगर आयुक्त को सूचना मिली कि कौशलानंद पांडेय महेवा स्टोर आते ही नहीं हैं। नगर आयुक्त ने जांच कराई तो कौशलानंद अनुपस्थित मिले। उन्होंने अशोक सिंह से रिपोर्ट मांगी। नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि कार्यों व दायित्वों के प्रति लापरवाही बरतने वालों को किसी भी हल में बख्शा नहीं जाएगा। जिसकी जो जिम्मेदारी है, उसे काम करना होगा।
लापरवाह कर्मचारियों पर नजर
नगर आयुक्त ने लापरवाह कर्मचारियों की गोपनीय जांच करानी शुरू कर दी है। कुछ कर्मचारी अपने तैनाती स्थल पर न जाकर इधर-उधर घूमते हैं। एक चालक तो वर्तमान में लिपिक का काम कर रहा है। इसके अलावा भी नगर निगम में कई कर्मचारी मनमाने तरीके से काम करते हैं। नगर आयुक्त सभी की रिपोर्ट तैयार करा रहे हैं।
15 दिन में चार निलंबित
नगर निगम में 15 दिनों में चार कर्मचारी निलंबित किए जा चुके हैं। इनमें मुख्यमंत्री के रूट पर दिन में पथ प्रकाश ङ्क्षबदु न बंद करने वाले सुपरवाइजर जय प्रकाश कुशवाहा, महेवा वार्ड के सफाई सुपरवाइजर मोईन, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आसमा और कनिष्ठ लिपिक कौशलानंद पांडेय शामिल हैं।
सुपरवाइजरों को नोटिस न देने वाले को फटकार
हाजिरी घोटाला करने वाले सुपरवाइजरों को नोटिस न पहुंचाने वाले दैनिक वेतन लिपिक रामविलास को नगर आयुक्त ने कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने रामविलास को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सुपरवाइजरों को नोटिस देने की जिम्मेदारी रामविलास को थी। नगर आयुक्त ने रामविलास को तलब किया तो उसने बताया कि मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अतुल श्रीवास्तव ने नोटिस पर हस्ताक्षर नहीं किया था इसलिए उसे देर हुई। इसके बाद नगर आयुक्त ने मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी से बात की। उन्होंने बताया कि नोटिस पर उन्होंने हस्ताक्षर कर दिए थे। हकीकत सामने आने पर रामविलास को नोटिस जारी किया।