Move to Jagran APP

पैनेशिया अस्पताल पर कब्जे को लेकर झड़प, प्रशासन ने सील कराया अस्‍पताल Gorakhpur News

गोरखपुर में पैनेशिया अस्पताल पर कब्जे को लेकर दो पक्ष आमने-सामने आ गए। इसके बाद देर रात प्रशासन ने इसे सील करा दिया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 12:45 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 09:16 PM (IST)
पैनेशिया अस्पताल पर कब्जे को लेकर झड़प, प्रशासन ने सील कराया अस्‍पताल Gorakhpur News
पैनेशिया अस्पताल पर कब्जे को लेकर झड़प, प्रशासन ने सील कराया अस्‍पताल Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। छात्रसंघ चौराहे पर स्थित पैनेशिया अस्पताल पर कब्जे को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद ने तूल पकड़ लिया। अस्पताल पर मालिकाना हक को लेकर दावा करने वाले दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए थे। काफी देर तक झड़प होती रही। हाथापाई की नौबत आते ही मौके पर पहुंची कैंट पुलिस ने स्थिति को काबू कर लिया। दोनों पक्ष से आठ लोग थाने लाए गए। निरोधात्मक कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सभी को सीआरपीसी की धारा 107/ 116 में पाबंद किया है। विवाद निस्तारित न होने तक उन्हें अस्पताल में दाखिल न होने की हिदायत भी दी है। प्रशासन से देर रात अस्‍पताल को सील करवा दिया।

loksabha election banner

बताते हैं कि निदेशक मंडल के सदस्य विजय पांडेय और रवि श्रीवास्तव अस्पताल में मौजूद थे। इसी दौरान निदेशक मंडल के एक अन्य सदस्य डा.प्रमोद सिंह अपने रिश्तेदार प्रणव वशिष्ठ और कुछ अन्य लोगों के साथ वहां पहुंचे। अस्पताल पर मालिकाना हक को लेकर विजय पांडेय और रवि श्रीवास्तव से डा.प्रमोद का विवाद शुरू हो गया। इसी दौरान भाजपा सांसद कमलेश पासवान भी पहुंच गए। अस्पताल के बाहर काफी देर तक दोनों पक्षों में झड़प होती रही। विवाद के वायरल हो रहे वीडियो से गाली-गलौच होने की भी बात सामने आई है।

विवाद की सूचना पर कैंट इंस्पेक्टर रवि राय मौके पर पहुंच गए। दोनों पक्षों से आठ लोगों को हिरासत में लेकर थाने लाया गया। अपर नगर मजिस्ट्रेट ने थाने पहुंचकर दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद अस्पताल में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए। साथ ही उन्हें मंगलवार को सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष उपस्थित होकर दावेदारी के पक्ष में प्रमाण प्रस्तुत करने को कहा है।

इन्हें किया गया है पाबंद

एक पक्ष के विजय पांडेय, अमरेश राय, गोपाल, आनंद सिंह और दूसरे पक्ष के डा.प्रमोद सिंह, प्रणव वशिष्ठ, मणि सिंह व फिरोज।

सांसद कमलेश पासवान ने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपना और अपनी पत्नी का नाम निदेशक मंडल में शामिल करा लिया है। पुलिस और प्रशासन भी उनकी मदद कर रहे हैं। विवाद में सांसद भी शामिल थे, लेकिन पुलिस ने उन पर कार्रवाई नहीं की। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। मालिकाना हक का फैसला न होने तक अस्पताल सील कर दिया जाना चाहिए। हमने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी बात कही है। उन्होंने न्याय होने का भरोसा भी दिया है। - विजय पांडेय, संस्थापक सदस्य, डायरेक्टर बोर्ड

कुछ भू माफिया पैनेशिया अस्पताल पर कब्जा करना चाह रहे हैं। अस्पताल का निदेशक होने के नाते मैं इसका विरोध कर रहा हूं। दूसरे पक्ष के लोग आए दिन अस्तपाल में आकर हंगामा करते हैं। कुछ दिन पहले उनके विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। वही लोग सोमवार को भी आ गए और कब्जा करने की कोशिश करने लगे। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में लूटपाट भी की। - डा. प्रमोद सिंह, संस्थापक सदस्य, निदेशक मंडल

तीन साल से पैनेशिया अस्पताल का संचालन डा. प्रमोद कर रहे हैं। वह और उनके भाई अस्पताल में 65 फीसद के हिस्सेदार हैं। अस्पताल घाटे में चल रहा था। स्थिति सुधारने के लए नियम-कानून का पालन करते हुए डा. प्रमोद ने मुझे निदेशक मंडल में शामिल किया। दस्तावेजों से प्रमाणित हो जाएगा कि इसमें किसी तरह का फर्जीवाड़ा नहीं किया गया है। बल्कि उल्टे दूसरे पक्ष के लोगों ने फर्जीवाड़ा कर अस्पताल के कागजातों में हेरफेर की है। आए दिन वह लोग विवाद भी करते हैं। मालिकाना हक को लेकर विवाद कोर्ट में लंबित है। जो फैसला होगा उसका सम्मान करूंगा। - कमलेश पासवान, भाजपा सांसद

पैनेशिया अस्पताल पर कब्जे को लेकर विवाद हुआ था। दोनों पक्ष से आठ लोग थाने लाए गए थे। सभी को पाबंद किया गया है। मंगलवार को दोनों पक्ष सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश होगा। तब अस्पताल में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। - रवि राय, इंस्पेक्टर कैंट। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.