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इस जेल में रहते हैं उत्‍तर प्रदेश के खूंखार अपराधी, जैमर तक नहीं Gorakhpur News

इस जेल में कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना सुंदर भाटी गैंग का शूटर अंकित गुर्जर सोनू सोमपाल रनवीर मुकेश और हत्या में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 08:06 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 08:06 PM (IST)
इस जेल में रहते हैं उत्‍तर प्रदेश के खूंखार अपराधी, जैमर तक नहीं Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। यह सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं तो और क्या है। महराजगंज जिला जेल में जैमर तक की व्‍यवस्‍था नहीं है, और यहां पर पश्चिमी यूपी के खूंखार अपराधियों को रखा गया है। इतना ही नहीं इनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बंदी रक्षकों की संख्या काफी कम है। जेल की आंतरिक सुरक्षा के लिए लगा इंटरकाम सिस्टम खराब हो गया है। यूं कहें तो जेल की सुरक्षा राम भरोसे हो गई है।

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ये हैं सजायाफ्ता अपराधी

पश्चिमी यूपी के कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना, सुंदर भाटी गैंग का शूटर अंकित गुर्जर, सोनू सोमपाल, रनवीर, मुकेश और हत्या में उम्र कैद की सजा काट रहे औरैया से बसपा का पूर्व विधायक शेखर तिवारी महराजगंज जेल में हैं। प्रशासनिक आधार पर इन अपराधियों को जेल में लाया गया हैं। कानपुर में हुई मुठभेड़ के बाद यूपी एसटीएफ की जारी लिस्ट में अनिल दुजाना व अंकित गुर्जर का भी नाम हैं। दोनों पर जेल से गिरोह संचालित करने, रंगदारी वसूली, नोएडा में बिल्डरों को धमकाने, हत्या, लूट, फिरौती सहित कई मामले दर्ज हैं। जेलर अरङ्क्षवद श्रीवास्तव ने बताया कि सुरक्षा को लेकर नियमित अभ्यास कराया जाता है। बंदी रक्षकों की संख्या काम होने की वजह से काम प्रभावित होता है।

45 बंदी रक्षकों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी

जनवरी 2011 में 550 बंदियों की क्षमता वाली महराजगंज जेल में बंदियों को शिफ्ट किया गया। नेपाल से सटे इस अति संवेदनशील जेल में धीरे-धीरे बंदियों की तादाद बढ़ती चली गई। इस समय जेल में 871 महिला व पुरुष बंदी निरुद्ध हैं। दक्षिण अफ्रीका, रूस, चीन, इजराइल, चाड, तिब्बत, यूगांडा व उज्बेकिस्तान देश के बंदी जेल में हैं। जेल अधीक्षक के ट्रांसफर के बाद यह जिम्मेदारी प्रशासनिक अधिकारी को दी गई।

अलार्म कर रहा काम

आंतरिक सुरक्षा के लिए लगा इंटरकाम सिस्टम खराब हो गया है। बंदी रक्षकों की संख्या कम होने की वजह से वाचटावर पर सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी नहीं लग पाती है। हालांकि इन वाचटावरों पर लाइट रात में चलती है। सिर्फ अलार्म ही है जो चालू है। जेल की सुरक्षा को लेकर गुरुवार को प्रशासन की ओर अभ्यास किया गया और सुरक्षा के सभी ङ्क्षबदुओं को चेक किया गया।  


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