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कारोबारियों पर डोरे डाल रहीं चीनी कंपनियां, बात नहीं कर रहे व्‍यापारी Gorakhpur News

एक दिन पहले चीनी की कंपनी मिन्हायु वान्मेई बैम्बो प्रोडक्ट कंपनी लिमिटेड ने वाट्सएप पर मैसेज भेजकर कांफ्रेंस में जुडऩे का अनुरोध किया। पर कारोबारियों ने साफ मना कर दिया।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 09:30 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 09:30 AM (IST)
कारोबारियों पर डोरे डाल रहीं चीनी कंपनियां, बात नहीं कर रहे व्‍यापारी Gorakhpur News
कारोबारियों पर डोरे डाल रहीं चीनी कंपनियां, बात नहीं कर रहे व्‍यापारी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। व्यापार तकरीबन खत्म हो जाने से बेचैन चीन की कंपनियां व्यापारियों पर डोरे डाल रही हैं। चीनी कंपनियां व्यापारियों से किसी ने किसी विधा संपर्क में रहना चाहती हैं। उनके भारत के एजेंट व्यापारियों को सहूलियतें और बढ़ाने का लालच भी दे रहे हैं। लेकिन व्यापारी चीनी कंपनियों के प्रतिनिधियों को साफ मना कर दे रहे हैं।

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डिस्पोजल कारोबारी के पास आया मीटिंग के लिए फोन

गोरखपुर डिस्पोजल एसोसिएशन के महासचिव विशाल गुप्ता ने बताया कि एक दिन पहले चीनी की कंपनी मिन्हायु वान्मेई बैम्बो प्रोडक्ट कंपनी लिमिटेड ने वाट्सएप पर मैसेज भेजकर कांफ्रेंस में जुडऩे का अनुरोध किया। कंपनी ने हमें वीआइपी क्लाइंट बताते हुए उत्पादों की जानकारी के लिए शाम पांच बजे से रात नौ बजे तक कांफ्रेंस में जुडऩे को कहा। साथ ही एक लिंक भी भेजा लेकिन कंपनी के प्रतिनिधि को साफ शब्दों को मना कर दिया गया कि जब चीन से किसी भी तरह का रिश्ता रखना ही नहीं है तो कांफ्रेंस में जुडऩे का कोई मतलब नहीं है। इससे पहले भी कई चीनी कंपनियां अपने उत्पाद के लिए मैसेज भेज रही हैं।

चार करोड़ का कारोबार प्रभावित

विशाल गुप्ता ने बताया कि चीन में बांस से बने चम्मच, कटोरी, पैकेजिंग मग, कोल्ड ड्रिंक व साफ्ट, ड्रिंक का पाइप आदि मंगाया जाता है। गोरखपुर जिले में हर साल तकरीबन चार करोड़ रुपये का कारोबार चीन से होता है। अब यह कारोबार पूरी तरह बंद है। उन्‍होंने कहा कि यह सच है कि चीन के उत्पाद सस्ते होते हैं लेकिन हम सस्ता के चक्कर में देश नहीं बेच सकते। चीन जैसे धोखेबाज देश के लिए हमें उसके उत्‍पाद का बहिष्‍कार करना ही होगा।

मोबाइल बाजार में चीन की पूछ कम

मोबाइल सेट के कारोबारी दिनेश मोदी और विनय कुमार सिंह ने कहा कि मोबाइल बाजार में चीन की पूछ कम हुई है। 10 में से छह से सात ग्राहक अब चीन का सामान न दिखाने को कहते हैं। ज्यादातर ग्राहक उत्पादों पर यह भी देखते हैं कि चीन निर्मित या पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) तो नहीं लिखा है। उन्‍होंने कहा कि यह हमारे देश के लिए शुभ संकेत है। हालांकि मांग के अनुपात में मोबाइल सेट न आ पाने के कारण दिक्कतें है। 


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