Move to Jagran APP

तिब्बती सभ्यता व संस्कृति को नष्ट कर रहा चीन : जिग्मे त्सुल्ट्रीम

भारत-तिब्बत सहयोग मंच के तत्वावधान में 23 नवंबर को बुद्ध पीजी कालेज कुशीनगर में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि भारत की अस्मिता व सुरक्षा के लिए तिब्बत की आजादी अति आवश्यक है। चीन तिब्बती सभ्यता संस्कृति व परंपरा को निरंतर नष्ट कर रहा है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 04:59 PM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 04:59 PM (IST)
तिब्बती सभ्यता व संस्कृति को नष्ट कर रहा चीन। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। भारत-तिब्बत सहयोग मंच के तत्वावधान में 23 नवंबर को बुद्ध पीजी कालेज कुशीनगर में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि भारत की अस्मिता व सुरक्षा के लिए तिब्बत की आजादी अति आवश्यक है। चीन तिब्बती सभ्यता, संस्कृति व परंपरा को निरंतर नष्ट कर रहा है। तिब्बत की रक्षा के लिए हमें तिब्बत की आजादी की मुहिम में लगे लोगों को नैतिक समर्थन देना चाहिए।

loksabha election banner

ए डे फार तिब्‍बत इवेंट संगोष्‍ठी

ए डे फार तिब्बत इवेंट विषयक संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए भारत-तिब्बत समन्वय केंद्र के समन्वयक जिग्मे त्सुल्ट्रीम ने कहा कि चीन तिब्बती सभ्यता व संस्कृति को लगातार नष्ट करने में लगा है। उदाहरण देते हुए कहा कि चीनी सरकार तिब्बती आबादी के समूल नाश के लिए तरह -तरह के हथकंडे अपना रही है। उन्होंने अपने दादा-दादी व नाना-नानी से तिब्बत से पलायन की त्रासदी का जिक्र किया। कहा कि चीनी अत्याचार की कहानी सुनकर बहुत दुख होता है।

तिब्‍बतियों को गंदे लोग कहते हैं चीनी

चीनी लोग तिब्बतियों को वहां पूर्व में रहने वाले गंदे लोग (शिचांग टुङ्गो) कहते हैं। उन्होंने तिब्बतन वे ऑफ लाइफ पर पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन किया। डा. कौस्तुभ नारायण मिश्र ने कहा कि तिब्बत भारत का हिस्सा है। इसलिए कि वहां की जनजातियों की धार्मिक, संस्कृतिक, रीति-रिवाज,परम्पराएं आदि भारत से मेल खाती हैं।इसलिए उसकी आजादी में हमें समर्थन देना चाहिए।

भारत के अस्‍तीत्‍व के लिए जरूरी है तिब्‍बत की आजादी

डा. गौरव तिवारी ने कहा कि तिब्बत की आजादी भारत के अस्तित्व के लिए आवश्यक है। भारत-तिब्बत के मध्य गहरा सांस्कृतिक नाता है। सामरिक दृष्टि से भी तिब्बत का स्वतंत्र होना जरूरी है। अध्यक्षता कर रहे पूर्व प्राचार्य डा. अमृतांशु कुमार शुक्ल ने कहा कि भारत ने भी आजादी के लिए समर्थन लिया था। हमें भी तिब्बत की आजादी के लिए समर्थन देना होगा। तिब्बत की आजादी भारत के हित में है। आयोजक भारत-तिब्बत सहयोग मंच के समन्वयक डा. शुभलाल ने अतिथि परिचय प्रस्तुत किया। संयोजक डा. सीएस सिंह ने आभार ज्ञापित किया। डा. निगम मौर्य ने संचालन किया।तिब्बती मंदिर के प्रबंधक लामा टेंगक्योंग ने खाता देकर सम्मानित किया। डा. अनुज कुमार, डा. वीना कुमारी, राजेश जायसवाल, सागर, राजकुमार त्यागी, आकांक्षा विश्वकर्मा, दिव्यांशु श्रीवास्तव, अनुराधा जायसवाल, संदीप मिश्र, प्रिया तिवारी आदि उपस्थित रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.