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Top Gorakhpur News Of The Day, 04 january 2020 : गोरखपुर आज आएंगे मुख्‍यमंत्री, तीन हॉलमार्किंग सेंटर निलंबित, आंदोलन करने वाले अभियंताओ पर विधायक का पलटवार Gorakhpur News

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By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 07:10 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 07:10 PM (IST)
Top Gorakhpur News Of The Day, 04 january 2020 : गोरखपुर आज आएंगे मुख्‍यमंत्री, तीन हॉलमार्किंग सेंटर निलंबित, आंदोलन करने वाले अभियंताओ पर विधायक का पलटवार Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून पर लोगों का विश्वास हासिल करने, जागरूक करने को लेकर भाजपा की ओर से चलाए जा रहे विविध कार्यक्रम के क्रम में पांच जनवरी से घर-घर संपर्क अभियान शुरू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में इस अभियान का शुभारंभ करेंगे। सोने के आभूषणों की शुद्धता प्रमाणित करने वाले महानगर के पांच में से तीन हॉलमार्किंग सेंटर को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) की ओर से निलंबित कर दिया गया है। इनमें हरवंशराम गली शांति कटरा (बंगाली काली बाड़ी मंदिर के पास) स्थित मेसर्स एस. वी. हालमार्किंग सेंटर का लाइसेंस 20 दिसंबर 2019 से, हिंदी बाजार, केदार खंड तृतीय तल पर स्थित मेसर्स गोरखपुर हॉलमार्किंग सेंटर शामिल हैं। गोरखपुर एम्स  में मरीजों को भर्ती करने की सुविधा अप्रैल की बजाय अब जुलाई से मिलेगी। ऐसा चिकित्सकों की नियुक्ति प्रक्रिया और वार्ड निर्माण का कार्य पूरा न होनेे की वजह से है। फिलहाल एम्स में 10 विभागों की ओपीडी चल रही है, जिसमें रोजाना तकरीबन एक हजार मरीज देखे जा रहे हैं। बीसवीं शताब्दी में गोरखपुर की तीन बड़ी साहित्यिक हस्तियों ने न केवल उर्दू साहित्य को फलक पर पहुंचा दिया बल्कि गोरखपुर का नाम अदब की दुनिया में स्थापित कर दिया। ये हस्तियां थीं फिराक गोरखपुरी, प्रेमचंद और मजनूंं गोरखपुरी। तीनों ने ही साहित्य को नए शिखर और नए आयाम बख्शे।

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गोरखपुर आज आएंगे मुख्‍यमंत्री, सीएए पर घर-घर जाकर विश्वास करेंगे हासिल

नागरिकता संशोधन कानून पर लोगों का विश्वास हासिल करने, जागरूक करने को लेकर भाजपा की ओर से चलाए जा रहे विविध कार्यक्रम के क्रम में पांच जनवरी से घर-घर संपर्क अभियान शुरू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में इस अभियान का शुभारंभ करेंगे। वह शनिवार को शाम चार बजे गोरखपुर पहुंच रहे हैं। मुख्‍समंत्री रविवार सुबह गोरखपुर में देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के प्रपौत्र अशोक प्रसाद के मुंशी प्रेमचंद पार्क स्थित आवास, चौधरी कैफुल बरा के गोरखनाथ स्थित प्रतिष्ठान, प्रो. राजाराम यादव और स्व. केबी सिंह के हुमायूंपुर स्थित आवास पर जाएंगे और वहां लोगों को कानून की उपयोगिता की जानकारी देंगे। निर्धारित लोगों से जनसंपर्क के बाद मुख्यमंत्री दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के संवाद भवन पहुंचेंगे और वहां प्रबुद्ध गोष्ठी को संबोधित करेंगे। गोष्‍ठी में विस्‍तार से जानकारी देंगे।भारतीय जनता पार्टी के नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल ने अभियंताओं पर पलटवार करते हुए कहा है कि मैं सिर्फ नागरिकों का जनप्रतिनिधि हूँ। उनके हित के लिए अभियंताओं, अधिकारियों और कीकेदारों की तिगडी की नाराज़गी वर्ष 2002 से ही लेता आ रहा हूँ। मेरा दायित्व है कि नागरिकों के साथ होने वाले किसी भी अन्याय के विरुद्ध मैं मजबूती से खडा रहूँ।

गोरखपुर में स्‍वर्ण आभूषणों को शुद्धता की गारंटी देने वाले तीन हॉलमार्किंग सेंटर निलंबित

सोने के आभूषणों की शुद्धता प्रमाणित करने वाले गोरखपुर शहर के पांच में से तीन हॉलमार्किंग सेंटर को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) की ओर से निलंबित कर दिया गया है। बीआइएस की वेबसाइट पर इन सेंटरों के नाम अंडर सस्पेंशन की श्रेणी में रखे गए हैं। इन पर मानक के विपरीत हॉलमार्किंग करने का आरोप है। जांच में आरोप सही पाए जाने पर लाइसेंस निरस्त हो सकता है। भारतीय मानक ब्यूरो की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक महानगर के हरवंशराम गली शांति कटरा (बंगाली काली बाड़ी मंदिर के पास) स्थित मेसर्स एस. वी. हालमार्किंग सेंटर का लाइसेंस 20 दिसंबर 2019 से, हिंदी बाजार, केदार खंड तृतीय तल पर स्थित मेसर्स गोरखपुर हॉलमार्किंग सेंटर 10 जुलाई 2019 से निलंबित है। तीसरा सेंटर मकान नंबर 41 ए प्रथम तल हिंदी बाजार में है। इसे मां लक्ष्मी हॉलमार्किंग सेंटर के नाम से लाइसेंस जारी किया गया था। इस सेंटर का लाइसेंस 25 जुलाई 2019 से निलंबित है।

आंदोलन करने वाले अभियंताओ पर विधायक का पलटवार, कहा- भष्टाचार बर्दाश्त नहीं करुंगा

भारतीय जनता पार्टी के नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल ने अभियंताओं पर पलटवार करते हुए कहा है कि मैं सिर्फ नागरिकों का जनप्रतिनिधि हूँ। उनके हित के लिए अभियंताओं, अधिकारियों और कीकेदारों की तिगडी की नाराज़गी वर्ष 2002 से ही लेता आ रहा हूँ। मेरा दायित्व है कि नागरिकों के साथ होने वाले किसी भी अन्याय के विरुद्ध मैं मजबूती से खडा रहूँ। सरकारी योजनाओं की मानिटरिंग करना,यह सुनिश्चित करना कि उनमें भ्रष्टाचार न हो ,वे समय से पूरी हों और नागरिकों को परेशानी न झेलनी पड़े,यही मेरा दायित्व और कर्तव्य है। विधायक ने कहा कि कोई विधायक इनके भ्रष्टाचार को नंगा जो कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि आईने में चेहरा बदसूरत दिखे तो आईने को कोसने की जगह अपना चेहरा देखना चाहिए। यही होता है जब कोई नागरिकों के जीवन की बेहतरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी ईमानदारी से जंग लड़ता है।

अप्रैल नहीं जुलाई से एम्स में भर्ती हो सकेंगे मरीज

गोरखपुर एम्स  में मरीजों को भर्ती करने की सुविधा अप्रैल की बजाय अब जुलाई से मिलेगी। ऐसा चिकित्सकों की नियुक्ति प्रक्रिया और वार्ड निर्माण का कार्य पूरा न होनेे की वजह से है। फिलहाल एम्स में 10 विभागों की ओपीडी चल रही है, जिसमें रोजाना तकरीबन एक हजार मरीज देखे जा रहे हैं। एम्स में 750 बेड के अस्पताल का निर्माण चल रहा है। कोशिश है कि जुलाई तक 300 बेड और दिसंबर तक 750 बेड का अस्पताल शुरू हो जाए। एम्स में फिलहाल पांच मंजिल के दो भवन बनाए जा रहे हैं। एक में 300 जबकि दूसरे में 420 बेड होंगे। 30 बेड का आयुष विंग अलग होगा। तीन सौ बेड वाली बिल्डिंग को कार्यदायी संस्था जून में एम्स को सुपुर्द कर देगी। इसमें बेड, 14 ऑपरेशन थियेटर समेत सभी आवश्यक उपकरण मौजूद रहेंगे। इसके अलावा 10 विभाग और बढ़ाए जाएंगे। 124 शिक्षक-चिकित्सकोंकी नियुक्ति की प्रक्रिया नवंबर में शुरू होकर दिसंबर में पूरी हो जानी थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। फिलहाल सात जनवरी से इनका साक्षात्कार शुरू करने की तैयारी है।

विद्यार्थी जीवन में ही हो गए थे शायर, मजनूं गोरखपुरी ने दिखाया आलोचना का श्रृंगार

बीसवीं शताब्दी में गोरखपुर की तीन बड़ी साहित्यिक हस्तियों ने न केवल उर्दू साहित्य को फलक पर पहुंचा दिया बल्कि गोरखपुर का नाम अदब की दुनिया में स्थापित कर दिया। ये हस्तियां थीं फिराक गोरखपुरी, प्रेमचंद और मजनूंं गोरखपुरी। तीनों ने ही साहित्य को नए शिखर और नए आयाम बख्शे। फिराक और प्रेमचंद ने जहां सामंती जंजीरों में जकड़े हिंदुस्‍तानी समाज की झंकार को अदब के सांचे में ढाल दिया। वहीं उर्दू आलोचना की दुनिया में अहमद सिद्दीकी उर्फ मजनूंं गोरखपुरी ने नए मानदंड स्थापित कर इस विधा को विश्व स्तरीय बना दिया। मजनूंं का जन्म 10 मई, 1904 मे संतकबीर नगर जिले के छोटे से गांव पल्दा में हुआ था, मगर उनकी परवरिश मंझरया में हुई। उनका पूरा नाम अब्दुल हसनात नुरूद्दीन अहमद सिद्दीकी था। चूंकि मजनूंं के पिता फारूख दिवाना इमामबाड़ा इस्टेट में मैनेजर थे, इसलिए मजनूंं भी प्रारंभिक शिक्षा के बाद गोरखपुर चले आए। सेंट एंड्रयूज कॉलेज से उन्होंने स्नातक की उपाधि ली।


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