CBSE बोर्ड ने विद्यार्थियों को दिया आखिरी मौका, परीक्षा फार्म की इन गलतियों का करें सुधार- ये है अंतिम तारीख
CBSE Board Exam 2023 परीक्षा फार्म में गलत नाम-पता व विषय भरने वाले विद्यार्थी सुधार करा लें। बोर्ड ने इसके लिए पोर्टल खोल दिया है। 6 दिसंबर तक ब्योरा में सुधार करा सकते हैं। हालांकि स्कूल में उपलब्ध रिकार्ड के आधार पर ही ब्योरा में बदलाव करना होगा।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। CBSE Board Exam 2023: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 15 फरवरी से प्रस्तावित बोर्ड परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है। इसी क्रम में बोर्ड ने परीक्षा फार्म भरने के दौरान विषय भरने व अन्य गलतियां करने वालों छात्रों को सुधार का अंतिम मौका दिया है। बोर्ड ने पोर्टल खाेलते हुए इसके लिए छह दिसंबर की तिथि निर्धारित की है, ताकि इस दाैरान सभी छात्र गलतियां दुरुस्त कर लें। सीबीएसई के अनुसार यह आखिरी मौका है। इसके बाद सुधार का मौका नहीं मिलेगा।
बदल सकते हैं वैकल्पिक विषय
फार्म भरते समय बहुत से विद्यार्थी गलती या फिर जल्दबाजी में गलत विषय चयन कर लेते हैं। कुछ बच्चे जो आगे गणित से नहीं पढ़ना चाहते हैं। वो बेसिक गणित अब ले सकते हैं। इसी तरह अन्य वैकल्पिक विषय को बदल सकते हैं। इसी तरह इंटर में भी नाम, पता, पिता का नाम और विषय भरने में गलती हुई है तो उसमें सुधार किया जा सकता है।
सीबीएसई ने स्कूलों को दिया यह निर्देश
सीबीएसई ने स्कूलों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वह स्कूल में उपलब्ध रिकार्ड के आधार पर ही छात्र के ब्योरा में सुधार कर सकते हैं। ब्योरा में किसी भी तरह के बदलाव की अनुमति नहीं दी जाएगी। परीक्षा के समय एलओसी (लिस्ट आफ कैडिडेंट्स) में जमा किए गए विषय को बदलने के अनुरोध पर विचार नहीं किया जाएगा। ब्योरा फाइनल होने के बाद किसी भी सुधार के लिए कोई अनुरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही, उम्मीदवार के नाम में पूर्ण परिवर्तन की अनुमति नहीं दी जाएगी। केवल सुधार की अनुमति होगी। सुधार केवल स्कूल द्वारा ही स्वीकार किए जाएंगे और इसे अनुमोदन के लिए क्षेत्रीय अधिकारी को भेजा जाएगा। स्वीकृत होते ही इसे स्कूल एलओसी में अपडेट कर दिया जाएगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
सीबीएसई के जिला समन्वयक प्रशिक्षण डॉ. सलील के. श्रीवास्तव ने बताया कि स्कूलों ने नाम व विषय में सुधार के लिए बोर्ड से अनुरोध किया था। इसी के तहत बोर्ड फार्म में सुधार के लिए एक आखिरी मौका दिया है। स्कूल इसे गंभीरता से लेते हुए समय रहते सुधार कर लें। नहीं तो इसके बाद क्षेत्रीय कार्यालय की चक्कर लगानी होगी।