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पीएम तक पहुंचा भाजपा कार्यकर्ता की मौत का मामला, विधायक राधा मोहन ने उठाया सवाल

गोरखपुर में कोरोना वायरस से भाजपा कार्यकर्ता की मौत के बाद सरकार की तरफ से कोई सहायता न मिलने पर विधायक डाक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने सवाल उठाया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 09:31 AM (IST)
पीएम तक पहुंचा भाजपा कार्यकर्ता की मौत का मामला, विधायक राधा मोहन ने उठाया सवाल
पीएम तक पहुंचा भाजपा कार्यकर्ता की मौत का मामला, विधायक राधा मोहन ने उठाया सवाल

प्रदीप श्रीवास्तवजेएनएनगोरखपुर में कोरोना वायरस से एक भाजपा पदाधिकारी की मौत के बाद उसके परिजनों को सहायता न मिलने का मामला गोरखुपर से भाजपा के विधायक डाक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने प्रमुखरता से उठाया है। भाजपा विधायक ने इस मामले को पीएम नरेंद्र मोदी तक पहुंचाया है।

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भाजपा के मंडल महामंत्री थे धीरज सिंह 

धीरज सिंह गोरखपुर में भाजपा के मंडल महामंत्री और कोरोना वारियर थे। बीते दिनों कोरोना सेतेर्ट होने के बाद उनकी मौत हो गई थी। धीरज की मौत के बाद सरकार या संगठन द्वारा उनके परिजनों की कोई मदद न होने पर विधायक डाक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने पहले भी सवाल उठाया था। इस बीच गोरखपुर के कमिश्नर के पीए की मौत के बाद पीए के परिजनों को पचास लाख रुपये की आर्थिक मदद मिलने के बाद विधायक ने पुन: इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार से मदद की मांग की।

सरकार द्वारा कोई मदद न मिलने विधायक ने तीखी प्रतिक्रिया दी और सोशल मीडिया पर अपनी बात को सार्वजनिक रूप से साझा करते हुए लिखा कि मुख्‍यमंत्री का क्षेत्र होने के बाद भी भाजपा के कार्यकर्ता के परिजनों को कोई सहायता नहीं मिली। 

विधायक ने फेसबुक पर लिखा कि - हमने माननीय प्रधानमंत्री जी तक संगठन के मण्डल महामंत्री स्व धीरज सिंह की कोरोना वारियर के रुप में हुई मृत्यु का मामला पहुंचाया और बताया कि उप मुख्यमंत्री को हमने खुद बताया है कि मुख्यमंत्री यहीं के हैं लेकिन उनके परिवार की मदद नहीं हुई। कृपया पीएम केयर फंड से आप इनकी मदद अवश्य ही करें।

मुखर होकर रखते रहे हैं अपनी

भाजपा का विधायक होने के बाद भी डाक्‍टर राधा मोहन दास अग्रवाल अपनी बातों को सार्वजनकि मंचों पर निडरता के साथ रखते रहे हैं। गोरखपुर में जल निगम द्वारा बेतरतीब ढंग से सड़कों को खोदे जाने का मामला हो या मेडिकल रोड पर सड़क के लेबल से नीचे नाली बनाने का मामला हो, विधायक ने मुखर होकर अपनी बातों को सामने रखा। जल निगम द्वारा सड़कें खोदे जाने और गलत तरीके से नाला निर्माण किए जाने के मामले शासन द्वारा कार्रवाई भी हुई थी। यही नहीं मेडिकल रोड नाला के मामले में तो नगर निगम को यह लिखकर देना पड़ा था कि यदि वर्तमान स्‍वरूप में नाला का निर्माण हुआ तो मेडिकल रोड के आसपास की कालोनियों में भारी जलजमाव होगा।


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