यह है तीन लाख रुपये की कालीन...चार कारीगर 45 दिन में करते हैं तैयार
खादी एवं ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में भदोही की शिल्प कालीन के रूप में मौजूद है। तीन लाख की कालीन ईरानी कालीन की हूबहू है, जिसे भदोही के शिल्पकारों ने तैयार किया है।
गोरखपुर, जेएनएन। खादी एवं ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में भदोही की शिल्प कालीन के रूप में मौजूद है। दो हजार रुपये से तीन लाख तक की कालीन लोगों का ध्यान खींच रही है। तीन लाख की कालीन ईरानी कालीन की हूबहू है, जिसे भदोही के शिल्पकारों ने तैयार किया है। तीन-चार कारीगर मिलकर इसे 45 दिन से एक साल में तैयार कर लेते हैं। कारीगरी इतनी बारीक और सटीक है कि यदि बताया न जाए तो किसी को पता नहीं चल पाएगा कि यह ईरानी कालीन नहीं है।
भदोही से कालीन लेकर आए नियाज अली व गुड्डू के पास कई तरह के कालीन व फुट मैट हैं। उनकी नक्काशी देखने लायक है। सामान्य कालीन की कीमत 350 रुपये से लेकर 18000 तक है और फुट मैट की कीमत 25 रुपये से लेकर 350 रुपये तक। वहीं ईरानी शिल्प के कालीन की कीमत 35 हजार रुपये से शुरू हो रही है। 35 हजार के कालीन की लंबाई पांच फीट और चौड़ाई तीन फीट है। इसी प्रकार 55 हजार, 1.30 लाख, 2.50 लाख और तीन लाख के भी कालीन प्रदर्शनी में मौजूद हैं। तीन लाख के कालीन की लंबाई 12 फीट और चौड़ाई नौ फीट है।
नियाज व गुड्डू ने बताया कि ईरानी शिल्प के कालीन की बुनावट बहुत बारीक होती है, इसमें बहुत समय लगता है। सबसे बड़े साइज की कालीन तीन लाख की है, उसे तैयार करने में तीन-चार कारीगरों को एक साल का समय लग जाता है। उन्होंने बताया कि ईरानी शिल्प के कालीन अच्छी बुनावट के चलते सामान्य कालीन से बहुत अ'छे होते हैं। उनमें जल्दी आग नहीं पकड़ती। साथ ही धूल भी नहीं जमती।