CAA Protest : उपद्रव के चलते प्रभावित हुआ करोड़ों का व्यापार Gorakhpur News
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए उपद्रव के कारण गोरखपुर में करोड़ों का व्यापार प्रभावित हुआ है।
गोरखपुर, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए उपद्रव का असर धीरे-धीरे देखने को मिल रहा है। भले ही एक दिन के विरोध के बाद सबकुछ शांत है, लेकिन बाजारों में बाहर से आने वाले लोग भी आने से कतरा रहे हैं। इसका सीधा असर व्यापार पर पड़ा है। व्यापारियों की मानें तो शुक्रवार से रविवार तक तीन दिनों में 100 करोड़ से अधिक का व्यापार प्रभावित हुआ है।
दुकानें खुलीं, ग्राहक नहीं आए
साहबगंज मंडी में ही सामान्य दिनों में रोज तकरीबन 30 से 40 करोड़ का कारोबार हो जाता है। शुक्रवार को हुए उपद्रव के बाद अधिकतर दुकानें बंद हो गई थीं। शनिवार को दुकानें खुलीं भी तो ग्राहक नहीं आए। साहबगंज एक बड़ी मंडी है, जिसमें आसपास के कई जिलों से ग्राहक व छोटे व्यापारी खरीदारी करने आते हैं। शनिवार को बाजार में स्थानीय लोग भी नहीं पहुंचे। रविवार को थोड़ी चहल-पहल बढ़ी जरूर लेकिन व्यवसाय में तेजी देखने को नहीं मिली। दुकानों पर गिने-चुने ग्राहक ही नजर आए। फूड पैकेजिंग मैटेरियल के थोक व्यापारी अशोक कुमार गुप्ता का कहना है कि दुकान पर आम दिनों में फुर्सत नहीं रहती, लेकिन पिछले दो से तीन दिनों से व्यापारी नहीं आ रहे हैं। फोन कर लोग हालात का जायजा ले रहे हैं, उन्हें सबकुछ सामान्य बताया जा रहा है, लेकिन वे अभी यहां आने से बच रहे हैं।
90 फीसद गिरा व्यापार
व्यापार 80 से 90 फीसद गिरा है। ड्राई फ्रूट आइटम के थोक व्यापारी अनिल जायसवाल बताते हैं कि बाहर से आने वाले फुटकर व्यापारी न के बराबर आ रहे हैं। लोगों को स्थिति सामान्य होने की जानकारी दी जा रही है, फिर भी उनका आना कम हो रहा है। अनिल का कहना है कि 60 फीसद तक बिक्री प्रभावित हुई है। पूरी साहबगंज मंडी में तकरीबन यही हालात हैं। व्यापारियों का अनुमान है कि मंगलवार के बाद से हालात सुधर सकते हैं।
20 फीसद तक गिरा दवा कारोबार
गोरखपुर में हुए उपद्रव का असर प्रभावित इलाकों में तो है ही दवा की थोक मंडी भालोटिया भी इससे मुक्त नहीं। यहां भी फुटकर व्यापारियों का आना कम हुआ है। जिन व्यापारियों के यहां दवा जा भी रही है, उनमें से अधिकतर स्वयं न आकर अपने कर्मचारी को बाजार में भेज रहे हैं। केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन गोरखपुर के महामंत्री दिलीप सिंह के अनुसार कारोबार में 20 फीसद तक की गिरावट दर्ज की गई है। दवा विक्रेता समिति के मंत्री आलोक चौरसिया के अनुसार फुटकर बाजार में भी दवाओं की बिक्री में कमी आई है। इमरजेंसी न होने पर लोग डॉक्टर के यहां आने का कार्यक्रम भी टाल दे रहे हैं।