धनतेरस पर क्या और कब खरीदना होगा शुभ, गणेश और लक्ष्मी का पूजन यह है शुभ समय Gorakhpur News
इस दौरान पूरे दिन खरीदारी की जा सकती है। इस दिन औदायिक सिद्धि योग है जो समस्त मनोवांछित कार्यों में सफलता प्रदान करने वाला है। भगवान धनवंतरि का जन्म इसी दिन प्रदोष वेला में हुआ था।
गोरखपुर, जेएनएन। दीपावली पांच पर्वों का समुच्चय है। जो कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल द्वितीया तक मनाया जाता है। दीपोत्सव का आरंभ कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी (धनतेरस) से ही हो जाता है। इस दिन चांदी या धातु का बर्तन खरीदना शुभ माना गया है।
क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य
ज्योतिषाचार्य पं. शरदचंद्र मिश्र, सुजीत कुमार श्रीवास्तव, पं. नरेंद्र उपाध्याय, पं. विवेक उपाध्याय, पं. राकेश पांडेय के अनुसार यह पर्व 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्योदय 6:23 बजे और द्वादशी तिथि सायं 4:31 बजे तक है। इसके बाद त्रयोदशी तिथि सम्पूर्ण रात और दूसरे दिन (26 अक्टूबर) दोपहर बाद 2:09 बजे तक है। इस दौरान पूरे दिन खरीदारी की जा सकती है। इस दिन औदायिक सिद्धि योग है जो समस्त मनोवांछित कार्यों में सफलता प्रदान करने वाला है। भगवान धनवंतरि का जन्म इसी दिन प्रदोष वेला में हुआ था।
खरीदारी का ये है सर्वोत्तम मुहूर्त
25 अक्टूबर को सायं 4.31 से सूर्यास्त 5.37 बजे तक चर वेला है। ऐसे में सायं 5.38 से 7.13 बजे तक लाभ वेला है। शाम 7.14 से 8.49 बजे तक अमृत वेला है। इसलिए रात 10.25 से 12 बजे तक शुभ वेला है। 26 अक्टूबर को सुबह 4.48 से 6.24 बजे तक लाभ वेला है। इसलिए सुबह 7.48 से 9 बजे तक शुभ वेला है। इसी तरह दिन में दोपहर 12 से 2.09 बजे तक चर और लाभ वेला है। उक्त शुभ मुहूर्त में खरीदारी की जा सकती है।
इस समय करें कुबेर, गणेश व लक्ष्मी पूजन
कुबेर, गणेश व लक्ष्मी पूजन धन त्रयोदशी के दिन व्यापारिक स्थल पर स्थिर लग्न व गोधूलि वेला वृष लग्न में करें, जो सायं 06:33 से 8:30 तक व सिंह लग्न रात्रि 01:01 से 03:15 बजे तक है। इससे पूरे वर्ष लक्ष्मी, गणेश व कुबेरजी की कृपा बनी रहती है।