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असुरन पोखरा में बने मकानों पर चलेगा बुलडोजर, प्रशासन ने दी एक सप्‍ताह की मोहलत

गोरखपुर के असुरन पोखरा के दायरे में मकान बनाने वाले 155 से अधिक लोगों की समस्या बढ़ सकती है। मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने निर्देश दिया है कि एक सप्ताह के भीतर यदि पोखरे के बदले जमीन नहीं मिलती है तो पोखरे से अतिक्रमण हटा दिया जाए।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 08:05 AM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 09:23 AM (IST)
असुरन पोखरा में बने मकानों पर चलेगा बुलडोजर, प्रशासन ने दी एक सप्‍ताह की मोहलत
असुरन पोखरा में हुआ अवैघ निर्माण। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। असुरन पोखरा के दायरे में मकान बनाने वाले 155 से अधिक लोगों की समस्या बढ़ सकती है। मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने इस मामले में हो रही देरी पर नाराजगी जताते हुए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर कुलदीप मीणा को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि एक सप्ताह के भीतर यदि पोखरे के बदले जमीन नहीं मिलती है तो पोखरे से अतिक्रमण हटा दिया जाए। कार्रवाई की रिपोर्ट मंडलायुक्त कार्यालय को भी भेजनी होगी। मंडलायुक्त ने पोखरे के दायरे में मकानों का मानचित्र पास करने के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) एवं विकास कार्य कराने के लिए नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों को चिन्हित करते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।

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मंडलायुक्त ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर को दी एक सप्ताह में जमीन न मिलने पर अतिक्रमण हटाने का निर्देश

मंडलायुक्त ने 13 मई 2010 के उस शपथ पत्र का उल्लेख किया है, जिसमें ऋषभ जैन पुत्र जितेंद्र कुमार जैन ने एक महीने के भीतर पोखरे के बराबर भूखंड देने को कहा था लेकिन भूखंड अब तक नहीं दिया गया। 10 वर्षों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आदेश का पालन न हो पाने को मंडलायुक्त ने खेदजनक बताया है।

जमीन बेचने वाले परिवार की ओर से पोखरे के बदले दिया गया है छह भूखंडों का प्रस्ताव

ऋषभ जैन की ओर से सदर तहसील प्रशासन को अब तक छह भूखंडों का प्रस्ताव दिया गया है। प्रशासन को दो भूखंड पसंद आए हैं और उसका मूल्यांकन कराया जा रहा है। इसी बीच तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर गौरव सिंह सोगरवाल का स्थानांतरण हो जाने के कारण मामला आगे नहीं बढ़ सका है। इस मामले में सुस्ती देख मंडलायुक्त ने पत्र जारी किया है। 2010 में मंडलायुक्त रहे पीके महांति की सख्ती के बाद ऋषभ जैन ने जमीन देने का आश्वासन दिया था। प्रशासन को जो जमीन दी जानी है, उसकी कीमत पोखरे की कब्जा हुई जमीन की कीमत के बराबर होनी चाहिए। इधर जीडीए ने 45 मानचित्र भी पास कर दिए थे। मंडलायुक्त ने इसपर भी नाराजगी जतायी थी। जीडीए इस मामले में रिपोर्ट तैयार कर मंडलायुक्त को भेजेगा।

ऋषभ जैन की ओर से छह भूखंडों के प्रस्ताव मिले हैं। उनकी पड़ताल करायी जा रही है। यदि तय समय में भूखंड नहीं मिले तो मंडलायुक्त के निर्देश के अनुसार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। - कुलदीप मीणा, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/ एसडीएम सदर।


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