फिर से अपग्रेड होगा बौद्ध संग्रहालय, जानें-कितना आएगा खर्च Gorakhpur News
राजकीय बौद्ध संग्रहालय की स्थापना 1988 में हुई थी। इसका उद्देश्य पुरातात्विक महत्व की वस्तुओं को सहेजना लोगों को उसका दर्शन कराकर इतिहास से जुड़ी जिज्ञासाओं को शांत करना था।
गोरखपुर, जेएनएन। पर्यटक विहार के रूप में विकसित हो रहे राजकीय बौद्ध संग्रहालय को पांच करोड़ रुपये और मिलेंगे। राज्य सरकार के बजट में इसका प्रावधान होने के बाद संग्रहालय प्रशासन अब धन आवंटन के इंतजार में है। फिलहाल 3.11 करोड़ की लागत से संग्रहालय को आकर्षक बनाने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है।
1988 में हुई थी स्थापना
राजकीय बौद्ध संग्रहालय की स्थापना 1988 में हुई थी। इसका उद्देश्य पुरातात्विक महत्व की वस्तुओं को सहेजना, लोगों को उसका दर्शन कराकर इतिहास से जुड़ी जिज्ञासाओं को शांत करना था।
बाद में हो गया था खंडहर
पांच एकड़ में फैले संग्रहालय को लेकर शासन-प्रशासन शुरुआती दौर में तो संजीदा रहा, लेकिन बाद में उपेक्षा के चलते धीरे-धीरे यह खंडहर में तब्दील हो गया। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने न केवल इसकी सुध ली बल्कि सुंदरीकरण और सृदृढ़ीकरण के लिए 3.11 करोड़ रुपये स्वीकृत भी किए। संस्कृति विभाग के इस संग्रहालय को खूबसूरत बनाने के साथ अपग्रेड करने के लिए बजट में पांच करोड़ रुपये की व्यवस्था मुख्यमंत्री ने और कर दी है। प्रशासन ने सितंबर-2019 में इसके लिए प्रस्ताव भेजा था।
धन मिलते ही काम शुरू
संग्रहालय के उप निदेशक डॉ. मनोज कुमार गौतम ने बताया कि बजट में मिली धनराशि को प्राप्त करने की औपचारिकता जल्द पूरी कर ली जाएगी। धन आवंटित होते ही अपग्रेडेशन का कार्य शुरू कराया जाएगा।
पांच करोड़ से होंगे यह कार्य
पांच करोड़ रुपये मिलने के बाद संग्रहालय भवन का सुदृढ़ीकरण, संग्रहालय का आधुनिकरण, परिसर में सीसीटीवी कैमरा, वीथिकाओं का उच्चीकरण, वीथिकाओं को वातानुकूलित बनाना, वीथिकाओं में लगे प्रदर्शन का उच्चीकरण, वीथिकाओं को साउंड सिस्टम से लैस करना, प्रकाश व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी, एंटी थेप्ट व एंटी फायर यंत्र लगाने आदि कार्य होंगे।