गोरखपुर संभाग में कार्य करने लगा बीएस-4 साफ्टवेयर
गोरखपुर : गोरखपुर संभाग में (गोरखपुर मंडल) अब सिर्फ बीएस-4 (वाहन-4) साफ्टवेयर ही कार्य क
गोरखपुर : गोरखपुर संभाग में (गोरखपुर मंडल) अब सिर्फ बीएस-4 (वाहन-4) साफ्टवेयर ही कार्य करेगा। गोरखपुर के अलावा देवरिया, कुशीनगर और महराजगंज के परिवहन अधिकारी कार्यालय के कंप्यूटर सिस्टम में भी यह नया साफ्टवेयर अपलोड कर दिया गया है। गोरखपुर संभाग में बीएस-4 मानक (भारत स्टेज-4) वाले वाहनों का ही पंजीकरण होगा।
नया साफ्टवेयर वाहनों के फर्जीवाड़ा पर भी अंकुश लगाएगा। डीलर या वाहन स्वामी चाहकर भी नए साफ्टवेयर में फर्जी मॉडल रजिस्ट्रेशन नंबर, चेसिस या इंजन नंबर आदि दर्ज नहीं कर पाएंगे। गलत नंबर होने पर वाहन का न पंजीकरण होगा और न ही ट्रांसफर। वाहन-4 साफ्टवेयर का सिस्टम 'होमो लोगेशन' उसे पलक झपकते पकड़ लेगा। नए बन रहे बीएस-4 वाहनों के चेसिस और इंजन नंबर आदि वाहन-4 साफ्टवेयर में अपलोड किए जा रहे हैं।
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पंजीकरण होते ही विभाग
तक पहुंच जाएगी सूचना
नए साफ्टवेयर के जरिये डीलर जैसे ही किसी वाहन का पंजीकरण करेगा, उसकी सूचना विभाग तक पहुंच जाएगी। डीलर और वाहन स्वामी चाहकर भी विभाग में टैक्स आदि जमा करने में हीलाहवाली नहीं कर सकेंगे। यही नहीं वाहन ट्रांसफर कराने के लिए विभाग का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) गुम हो जाने पर परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। घर बैठे वाहन स्वामी आनलाइन आवेदन कर सकेंगे। वाहनों के ट्रांसफर आदि में एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय को एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लेने में ही महीनों लग जाते थे। अब यह कार्य महज कुछ दिनों में हो जाएगा। संभागीय परिवहन अधिकारी एम अंसारी के अनुसार नए साफ्टवेयर से कार्यप्रणाली में पारदर्शिता तो आएगी ही फर्जीवाड़ा पर लगभग पूरी तरह से अंकुश लग जाएगा। आम जनता को भी सहूलियत मिलेगी।
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इतिहास बन गया बीएस-3,
कम होगा वायु प्रदूषण
बीएस-4 के आ जाने से बीएस-3 साफ्टवेयर इतिहास बन गया है। बीएस-3 मॉडल के वाहनों से निकलने वाले धुआं में कार्बन की मात्रा बढ़ गई थी। बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए भारत सरकार ने देशभर में बीएस-4 मॉडल को अपनाया है। जल्द ही बीएस-5 और 6 मॉडल भी आ जाएंगे।