World Brain Stroke Day 2020: ठंड में बचकर रहें ब्लडप्रेशर व शुगर के मरीज, हो सकता है यह खतरा
World Brain Stroke Day 2020 यदि स्ट्रोक को शुरू में ही पहचान कर इलाज शुरू कर दिया जाए तो ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। पहले घंटे को गोल्डेन आवर माना जाता है। साढ़े चार घंटे के अंदर भी इलाज शुरू कर देने पर परिणाम बेहतर आते हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। ब्लडप्रेशर, शुगर व हृदय रोगियों को ठंड में बचकर रहने की जरूरत है। गर्मी के मुकाबले ठंड में ब्रेन स्ट्रोक ( लकवा) के मामले दोगुना हो जाते हैं। इसमें दिमाग की नस फट जाती है और मस्तिष्क में खून के थक्के जम जाने से मरीज कोमा में जा सकता है। जान को भी खतरा हो सकता है।
इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 29 अक्टूबर को विश्व ब्रेन स्ट्रोक दिवस मनाया जाता है। डाक्टरों के मुताबिक ब्रेन स्ट्रोक के एक घंटे के अंदर मरीज अस्पताल पहुंच जाए तो इलाज आसान हो जाता है। अगर शरीर का कोई अंग टेढ़ा हो रहा हो या देखने-सुनने की क्षमता प्रभावित हो रही हो तो तत्काल डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। विश्व में हृदय रोग व कैंसर के बाद सबसे ज्यादा मौतें ब्रेन स्ट्रोक से होती हैं। इससे हर तीन मिनट में एक व्यक्ति की मौत होती है।
यदि स्ट्रोक को शुरू में ही पहचान कर इलाज शुरू कर दिया जाए तो ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। पहले घंटे को गोल्डेन आवर माना जाता है। साढ़े चार घंटे के अंदर भी इलाज शुरू कर देने पर परिणाम बेहतर आते हैं। - डा. दुर्गेश गुप्ता, न्यूरोलॉजिस्ट
ठंड में ब्लडप्रेशर व शुगर के मरीजों को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। शुगर के मरीजों को स्ट्रोक का खतरा तीन गुना ज्यादा होता है। इसके साथ ही 55 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, सिगरेट, शराब का सेवन करने वाले, एनीमिया या माइग्रेन पीडि़त मरीजों को अधिक सतर्क रहना चाहिए। - डा. मुकेश शुक्ला, न्यूरो सर्जन
लक्षण
शरीर के एक हिस्से, चेहरे, हाथ, टांग में सुन्नपन का अनुभव
शरीर पर चीटियां दौडऩे जैसा महसूस होना या कमजोरी।
भ्रम की स्थिति में होना
बोलने या समझने में मुश्किल
एक या दोनों आंखों से साफ न दिखना
तेज सिर दर्द, जी मिचलाना, उल्टी होना
यह करें बचाव
शराब, सिगरेट का सेवन न करें
तनाव से दूर रहें
नियमित व्यायाम व प्राणायाम करें
मोटापे के शिकार लोग वजन नियंत्रित करें
सिरदर्द से पीडि़त मरीज सिटी स्कैन व एमआरआइ कराएं।