गोसदन मधवलिया मामले में खंड विकास अधिकारी भी निलंबित, डीएम समेत पांच अधिकारी पहले ही हो चुके हैं सस्पेंड Gorakhpur News
महराजगंज जिले के गोसदन मधवलिया कांड में महराजगंज के जिलाधिकारी समेत पांच अधिकारियों के निलंबन के बाद अब खंड विकास अधिकारी निचलौल रवींद्र वीर यादव को भी शासन ने निलंबित कर दिया है।
गोरखपुर, जेएनएन। महराजगंज जिले के गोसदन मधवलिया में गोवंशीय पशुओं की संख्या में हुई खेल और किए जा रहे गोलमाल में महराजगंज के जिलाधिकारी समेत पांच अधिकारियों के निलंबन के बाद अब खंड विकास अधिकारी निचलौल रवींद्र वीर यादव को भी शासन ने निलंबित कर दिया है।
मंडलायुक्त की समिति ने की थी जांच
प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव द्वारा जारी आदेश के मुताबिक गोसदन मधवलिया का मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने समिति गठित करते हुए जांच कराई गई थी। जिसमें रजिस्टर में निराश्रित गोवंश की संख्या एवं स्थलीय भ्रमण के उपरांत पाई गई संख्या में काफी अंतर था। 12 अक्टूबर को गोसदन के निरीक्षण के समय पशु स्टाक रजिस्टर में 2538 गोवंश का अंकन किया गया था, परंतु तहसील की टीम द्वारा भौतिक सत्यापन के दौरान मौके पर मात्र 954 गोवंशीय पशु पाएं जाने पर समिति ने संदेह व्यक्त किया।
सवालों का जवाब नहीं दे पाए थे खंड विकास अधिकारी
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि क्या 1584 गोवंशीय पशु की मृत्यु हो गई या उन्हें कहीं अन्यंत्र भेज दिया गया अथवा इन गोवंशीय पशु को तस्करी करके कहीं अन्यंत्र भेज दिया गया। इस संबंध में रवींद्र वीर यादव, उपायुक्त स्वत: रोजगार अतिरिक्त प्रभार खंड विकास अधिकारी निचलौल द्वारा मौके पर मौखिक रूप से कोई भी संतोषजनक व स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। समिति द्वारा विकास खंड निचलौल के खंड का सत्यापन एवं आडिट न करने के लिए प्रथम दृष्टया उत्तरदायी पाया गया है। लिहाजा शासन ने बरती गई शिथिलता और लापरवाही के लिए रवींद्र वीर यादव उपायुक्त स्वत: रोजगार महराजगंज अतिरिक्त प्रभार खंड विकास अधिकारी निचलौल को निलंबित करते हुए अनुशासनिक कार्रवाई का निर्देश दिया है। साथ ही इन आरोपों की जांच के लिए संयुक्त विकास आयुक्त गोरखपुर मंडल, गोरखपुर को जांच अधिकारी नामित किया है और रवींद्र वीर यादव के विरुद्ध आरोप पत्र गठित कर एक सप्ताह में रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश मंडलायुक्त को दिया है।