शरीर के सड़े हुए हिस्से में लगता है ब्लैक फंगस, लक्षण दिखते ही हो जाएं सतर्क
बीआरडी मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में मरीजों का इलाज कर रहे डा. राजकिशोर सिंह के अनुसार सभी रंग के फंगस खतरनाक हैं। कोरोना की वजह से नसों में खून के थक्के जम रहे हैं। जहां थक्के जम रहे हैं वहां खून पहुंच नहीं पाने से सड़न हो रही हैॅ।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बीमारी फंगस नहीं, शरीर के किसी हिस्से का सड़ जाना है। सड़े हुए स्थान पर किस रंग का फंगस लग रहा है, यह महत्वपूर्ण नहीं है। इसलिए फंगस के फेर में न पड़ें, इसका ध्यान रखें कि कोविड से ठीक होने के बाद आपके शरीर का कोई अंग सड़ तो नहीं रहा है। क्योंकि कोविड के दौरान रक्त के थक्के जमने से हमारे अंगों में सड़ांध उत्पन्न होती है और वहां फंगस पैदा हो रहा है। इसलिए फंगस से नहीं, शरीर के अंग को सड़ने से बचाना है।
कोविड मरीज का लाइन आफ ट्रीटमेंट सही होगा तो नहीं होगी कोई दिक्कत
बाबा राघव दास मेडिकल कालेज के फिजिशियन व कोरोना वार्ड में मरीजों का इलाज कर रहे डा. राजकिशोर सिंह ने कहा कि सभी रंग के फंगस खतरनाक हैं। कोरोना की वजह से नसों में खून के थक्के जम रहे हैं। जहां थक्के जम रहे हैं, वहां खून पहुंच नहीं पाने से सड़न उत्पन्न हो रही हैॅ। इसलिए कोविड मरीजों को अब खून पतला करने वाली दवाएं दी जा रही हैं, ताकि खून के थक्के न जमने पाएं। फंगस काला, पीला या सफेद किस रंग का है, इससे कोई फर्क नहीं पड़़ता। कोविड मरीज का लाइन आफ ट्रीटमेंट सही होगा तो दिक्कत नहीं होगी। हर कोविड मरीज में फंगस की दिक्कत नहीं होती और एक से दूसरे में इसका प्रसार भी नहीं होता है। इसलिए फंगस से घबराने की जरूरत नहीं है।
इन लक्षणों पर करें गौर
आंख एवं नाक के आसपास दर्द व लाली, बुखार, सिर दर्द, खांसी, सांस लेने में कठिनाई, खून की उल्टी और मानसिक स्थिति में बदलाव, नाक में काला जमाव या स्राव, गाल की हड्डी पर दर्द के साथ काला पड़ना, चेहरे पर एक तरफ दर्द, सुन्न और सूजन होना, नाक या तालू के ऊपर कालापन आना, दांत में दर्द व जबड़े की कालिमा के साथ दांतों का ढीला होना, त्वचा के काले चकत्ते युक्त घाव, जैसे लक्षण होने पर सतर्क हो जाना चाहिए।
इन बातों का रहे विशेष ध्यान
शारीरिक स्वच्छता पर ध्यान देना आवश्यक है।
कोविड होने पर मधुमेह के स्तर को इंसुलिन के सेवन से नियंत्रित करें।
चिकित्सक की निगरानी में ही स्टेरायड का सेवन करना है।
घर की सफाई करते समय या कहीं भी बाहर जाते समय मास्क का प्रयोग अवश्य करें।
बागवानी, काई या खाद के बीच कार्य करते समय जूते, लंबी पैंट, फुल बाजू वाली कमीज और दस्ताने पहनें।
सभी फंगस खतरनाक होते हैं। फंगस लगने का मतलब शरीर का वह हिस्सा सड़ रहा है। किसी भी फंगस का इंफेक्शन जब खून में चला जाता है तो वह ज्यादा खतरनाक हो जाता है। फंगस के किसी तरह के लक्षण दिखने पर घबराएं नहीं, मेडिकल कालेज की पोस्ट कोविड ओपीडी में आएं। जांच कराएं। - डा. राजकिशोर सिंह, फिजिशियन, बीआरडी मेडिकल कालेज।