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यूपी चुनाव 2022 : जेपी नड्डा ने व‍िपक्ष पर साधा न‍िशाना, कहा- आचमन करना न जानने वाले लगा रहे बड़ा टीका

Uttar Pradesh Vidhan Sabha Chunav 2022 भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा क‍ि भाजपा जन विश्वास के सहारे आगे बढ़ रही है। सब जानते हैैं कि सत्ता हमारे लिए सुख और आराम भोगने का साधन नहीं है। भाजपा वैचारिक परिवर्तन की लड़ाई लड़ रही है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 04 Jan 2022 11:21 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jan 2022 11:21 AM (IST)
यूपी चुनाव 2022 : जेपी नड्डा ने व‍िपक्ष पर साधा न‍िशाना, कहा- आचमन करना न जानने वाले लगा रहे बड़ा टीका
भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। सरकार की उपलब्धियां लेकर जन विश्वास यात्रा के जरिये जनता के बीच जा रही भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश (जेपी) नड्डा कांग्रेस, सपा और बसपा पर खासे हमलावर रहे। जन विश्वास यात्रा के समापन अवसर पर सोमवार को बस्ती के सक्सेरिया इंटर कालेज परिसर में आयोजित जनसभा में उन्होंने भाजपा के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद अभियान के व्यापक असर का हवाला देते हुए कहा कि जो आचमन करना नहीं जानते थे, वे अब बड़ा सा टीका लगाकर घूम रहे हैैं। ईद और बकरीद पर सफेद टोपी लगाने वाले मंदिर में घंटी भी बजा रहे हैं।

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वैचारिक परिवर्तन की लड़ाई लड़ रही है भाजपा

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा जन विश्वास के सहारे आगे बढ़ रही है। सब जानते हैैं कि सत्ता, हमारे लिए सुख और आराम भोगने का साधन नहीं है। भाजपा वैचारिक परिवर्तन की लड़ाई लड़ रही है। इसे स्थापित करने के लिए हम दिन रात काम कर रहे हैैं। हमने जितने भी वादे किए थे, उसे पूरा किया। कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते हुए जीत का मंत्र दिया कि जन विश्वास पर खरा उतरने के प्रयासों को आगे बढ़ाएं। यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आप पर है। अहम मत करिए, काम के आधार पर गांव-गांव और घर-घर जाइए। मतदाता को जोड़कर उत्तर प्रदेश को एक मजबूत प्रदेश बनाने के लिए आगे बढ़ें। मतदाताओं को जोडऩे में विश्वास का सेतु बनें।

भाजपा ने ही सोचा किसानों का हित

नड्डा ने कहा कि कहने को तो विपक्षी दलों में तमाम किसान नेता थे, लेकिन किसानों का हित कभी नहीं सोचा। किसानों को समृद्ध बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तमाम कदम उठाए। पहले कृषि का बजट 22 हजार करोड़ था, जो आज बढ़कर एक लाख 23 हजार करोड़ हो गया है। किसानों को पेंशन देने से लेकर खेती तक में तमाम सहूलियत दी गई है। 2400 रुपये की खाद की बोरी 1200 रुपये में मिल रही है। गन्ने की खेती को लेकर राजनीति की जाती थी। मायावती सरकार में 21 चीनी मिलें बेच दी गईं, जबकि 18 बंद करा दी गईं। अखिलेश सरकार में भी 11 चीनी मिलें बंद की गईं। योगी सरकार में तीन नई चीनी मिलें चालू की गई। 59 एथनाल इकाइयां चल रही हैं। प्रदेश के 67 लाख गन्ना किसानों को एक लाख 40 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। इसमें 1100 करोड़ तो अखिलेश सरकार का ही बकाया था।


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