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भाजपा सांसद कमलेश पासवान को एक साल की कैद, जानें-क्‍या था मामला

भाजपा सांसद कमलेश पासवान और पूर्व पार्षद राजेश कुमार को अपर सत्र न्यायाधीश नम्रता अग्रवाल ने एक साल कैद व दो-दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। दोनों अभियुक्तों ने 18 दिसंबर 2004 को नकहा जंगल रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोककर चक्का जाम किया था।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 07:35 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 06:31 PM (IST)
बांसगांव के भाजपा सांसद कमलेश पासवान का फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। भाजपा सांसद कमलेश पासवान और पूर्व पार्षद राजेश कुमार को अपर सत्र न्यायाधीश नम्रता अग्रवाल ने एक साल कैद व दो-दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। दोनों अभियुक्तों ने 18 दिसंबर 2004 को नकहा जंगल रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोककर चक्का जाम किया था। अर्थदंड का भुगतान न करने पर उन्हें सात-सात दिन कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी। फैसले के विरुद्ध अपील दाखिल करने के लिए अदालत ने दोनों अभियुक्तों को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया है।

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ट्रेन संख्या 222 डाउन के चालक और गार्ड ने 18 दिसंबर 2004 को गुलरिहा क्षेत्र के झुंगिया बाजार निवासी तत्कालीन सपा विधायक कमलेश पासवान और गोरखनाथ क्षेत्र के शास्त्रीनगर निवासी सभासद राजेश कुमार व उनके 50-60 समर्थकों के विरुद्ध नकहा जंगल स्टेशन के पास रेल ट्रैक जाम कर ट्रेन रोकने के आरोप में रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। उस समय कमलेश पासवान, मानीराम विधानसभा सीट से सपा विधायक थे। 14 नवंबर 2011 को आरपीएफ ने इस मामले में अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। सुनवाई के दौरान अभियोजन ने अदालत में कई दस्तावेजी और मौखिक साक्ष्य पेश किया। विशेष लोक अभियोजक शैलेश कुमार त्रिपाठी ने अदालत में अभियोजन का पक्ष रखा। बचाव पक्ष की भी दलीलें सुनने के बाद अदालत ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोनों अभियुक्तों को एक साल के कारावास की सजा सुनाने के साथ ही अर्थदंड से दंडित किया।

यह था मामला

18 दिसंबर 2004 को कमलेश पासवान नकहा के तत्कालीन सभासद राजेश कुमार यादव, विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान समर्थकों के साथ वह लोग नकहा रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए और रेल ट्रैक जाम कर दिया। इसी बीच नौतनवां से चलकर गोरखपुर आने वाली गाड़ी संख्या 222 नकहा रेलवे स्टेशन पर पहुंची लेकिन ट्रैक जाम होने की वजह से 11:35 बजे तक वहीं रुकी रही। रेलवे के क्षेत्रीय प्रबंध मौके पर पहुंचे। उन्हें पत्रक देने के बाद ही आंदोलनकारियों ने रेल ट्रैक खाली किया। इस मामले में ट्रेन के चालक और गार्ड ने उसी दिन नकहा आरपीएफ पोस्ट पर मुकदमा दर्ज कराया था।


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