कैंचियां हमें उड़ने से खाक रोकेंगी, हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं...विधायक शलभ मणि ने विधान सभा में विपक्ष को घेरा
BJP MLA Shalabh Mani Tripathi देवरिया सदर से पहली बार चुने गए भाजपा विधायक डा. शलभ मणि त्रिपाठी ने विधान सभा में अपने पहले भाषण में ही विपक्ष को घेरते हुए वाहवाही लूटी। शलभ ने कहा कि यूपी की जनता ने यह साबित किया है कि वह विकास चाहती है।
देवरिया, जागरण संवाददाता। देवरिया सदर से चुनकर पहली बार विधान परिषद पहुंचे विधायक शलभ मणि त्रिपाठी को भाजपा ने विधान सभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलने का मौका देकर देवरिया की जनता सम्मानित किया। शलभ ने विधान सभा में अपने पहले भाषण में ही लोगों का ध्यान खींचा।
नफरत की राजनीति कर रहा विपक्ष
शलभ ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विपक्ष नफरत की राजनीति कर रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता ने जाति, धर्म से ऊपर उठकर योगी आदित्यनाथ को दोबारा सरकार में लाकर यह साबित किया है कि भाजपा विकास की राजनीति कर रही है। शलभ ने राहत इंदौरी के शेर 'कैंचियां हमें उड़ने से खाक रोकेंगी, हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं' से अपनी बात को समाप्त किया।
देवरिया व कुशीनगर के विकास कार्यों का किया उल्लेख
भाजपा के सदर विधायक डा. शलभ मणि त्रिपाठी ने सोमवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान देवरिया व कुशीनगर में कराए गए विकास कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जब कोविड-19 बीमारी आई तो देवरिया समेत प्रदेश के 36 जिलों में एक भी वेंटिलेटर नहीं थे। ऐसे कठिन समय में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने तेजी से काम किया। दो वर्ष के भीतर देवरिया में महर्षि देवरहा बाबा के नाम पर मेडिकल कालेज देने का कार्य किया। हम हमेशा सुनते थे कि देवरिया व कुशीनगर बिहार से सटा इलाका है। गाड़ियों के चलने लायक सड़कें नहीं है।
पीएम मोदी, सीएम योगी ने बदल दी तस्वीर
शलभ ने कहा कि आज हम गर्व से कह सकते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में महात्मा बुद्ध की पुण्य भूमि कुशीनगर में हवाईजहाज उड़ रहे हैं। आप देखेंगे कि उप्र जल्द ही सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला राज्य होने वाला है। देवरिया, कुशीनगर व गोरखपुर में इंसेफलाइटिस जैसी बीमारी हुआ करती थी, जो पूर्वांचल के लिए अभिशाप बनती थी। 80-90 के दशक में हजारों की संख्या में बच्चे मरते थे। ऐसी बीमारी जो जान लेती थी। यदि जान बच गई तो जीवन भर के लिए दिव्यांग कर देती थी। इससे सबसे बड़ी संख्या में गरीब परिवार के बच्चे प्रभावित होते थे।
पहली बाल पर ही छक्का। pic.twitter.com/dyk6Dxi0fj— Pradeep Srivastav (@pps2009gkp) May 24, 2022
योगी ने खत्म किया इंसेफलाइटिस
उन्होंने कहा कि सरकारों के लिए इंसेफलाइटिस एक मिथ बन चुकी थी। मान चुके थे कि यह खत्म नहीं हो सकती। इसका खात्मा नहीं कर सकते। लेकिन योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने निष्ठा, ईमानदारी से काम किया। आज पूरी तौर पर यह बीमारी सफाए के कगार है। पूर्वांचल के बच्चे स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।