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बिजली विभाग में 43 लाख गबन के बाद शुरू हुई बिलिंग की जांच Gorakhpur News

हेड कैशियर इफ्तेखार अहमद सिद्दीकी ने रसीद बुक के जरिए बिल के रुपये में गबन किया था। उसने 43 लाख रुपये बैंक में जमा ही नहीं किया था।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 08:00 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 08:00 PM (IST)
बिजली विभाग में 43 लाख गबन के बाद शुरू हुई बिलिंग की जांच Gorakhpur News
बिजली विभाग में 43 लाख गबन के बाद शुरू हुई बिलिंग की जांच Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। नगरीय विद्युत वितरण खंड तीन में 43.29 लाख रुपये के गबन का मामला प्रकाश में आने के बाद शहर के सभी डिवीजनों में बिलिंग की जांच शुरू हो गई है। मुख्य अभियंता देवेंद्र सिंह ने जोन स्तर पर एक कमेटी का गठन किया है। कमेटी सोमवार तक रिपोर्ट मुख्य अभियंता को सौंपेगी। गड़बड़ी मिली तो संबंधित कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी।

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अधिशासी अभियंता मोहद्दीपुर के कार्यालय में हेड कैशियर रहे इफ्तेखार अहमद सिद्दीकी ने रसीद बुक के जरिए बिल के रुपये में गबन किया था। जांच में पता चला कि जितने की रसीद कटी थी, उसमें से 43 लाख रुपये बैंक में जमा ही नहीं किए गए थे। इफ्तेखार के मामले की अलग से जांच चल रही है। यह मामला प्रकाश में आने के बाद मुख्य अभियंता को शिकायत मिली कि इस तरह का खेल हर डिवीजन में हुआ है, जिसके बाद जोन स्तर पर एक अधिशासी अभियंता के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया है।

पुराने मामलों की भी होगी जांच

बिजली निगम में एक जनवरी 2020 से रसीद बुक का प्रयोग पूरी तरह से बंद हो गया है। इससे पहले इसके दुरुपयोग की शिकायतें मिलती रहती थीं। बिल राशि को मैनेज करने से लेकर कई तरह के खेल बिचौलियों के माध्यम से करने की शिकायत अधिकारियों तक पहुंचती थी। अब जांच टीम को पुराने रिकार्ड खंगालने को भी कहा गया है। जांच शुरू होने से कर्मचारियों में हड़कंप है।

दो महीने तक दबाए रखी गई गबन की बात

मई में इफ्तेखार पर गबन के आरोप में एफआइआर दर्ज कराई गई और उसे निलंबित कर दिया गया। पर, सूत्रों की मानें तो फरवरी महीने में ही अधिकारियों को इस बात का पता चल गया था। उसने रुपये जमा कराने का झांसा दिया तो उसकी इस गलती पर परदा डालने की कोशिश भी की गई।

स्वयं बिल बनाकर भुगतान करें उपभोक्ता : मुख्य अभियंता

मुख्य अभियंता विद्युत, देवेंद्र सिंह ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे बिजली निगम की वेबसाइट पर जाकर स्वयं बिल बनाएं और उसका भुगतान समय से करें। मुख्य अभियंता ने कहा कि लॉकडाउन के समय सुरक्षा की दृष्टि से स्वयं बिल बनाना बेहतर होगा। स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ता के यहां तो बिल स्वत: बन जाता है। जिनके यहां पुराने मीटर हैं, वे भी वेबसाइट पर जाकर लॉगिन कर अपना बिल बना सकते हैं। 


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