Move to Jagran APP

गुजरात से आए मजदूरों ने कहा, अब तो अपने देश में भी रोजी-रोटी पर संकट

गुजरात से गोरखपुर आए मजदूरों ने रेलवे स्‍टेशन पर पहुंचते ही अपनी पीड़ा बयां की। मजदूरों ने बताया कि उन्‍हें गुजरात में मारा पीटा गया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 11 Oct 2018 11:21 AM (IST)Updated: Thu, 11 Oct 2018 05:35 PM (IST)
गुजरात से आए मजदूरों ने कहा, अब तो अपने देश में भी रोजी-रोटी पर संकट
गुजरात से आए मजदूरों ने कहा, अब तो अपने देश में भी रोजी-रोटी पर संकट

गोरखपुर, (जेएनएन)।  गोरखपुर में जैसे ही 19037 बांद्रा- गोरखपुर अवध एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर सात पर रुकी, जनरल बोगियों से बदहवास यात्री उतरने लगे। सबको घर जाने की जल्दी। अधिकतर के चेहरे पर गुजरात घटना का खौफ था। वे किसी से कुछ कहने-सुनने की स्थिति में नहीं थे। कुरेदने पर फफक पड़े, कहने लगे कि अब तो अपने देश में भी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है।

loksabha election banner

पश्चिमी चंपारण मोतिहारी बिहार के रहने वाले वीरेंद्र, टुन्ना और शिव बालक आदि मजदूरों का कहना था कि अगर वे भी रुके रहते तो लोग उन्हें भी निशाना बना देते। अब तो पुलिस के लोग भी मदद नहीं कर रहे हैं। लोग, बचाओ गुजरात का नारा लगा रहे हैं। अहमदाबाद के लोग कुछ ज्यादा ही ज्यादती कर रहे हैं। खोजकर बिहार और यूपी के लोगों पर हमला कर रहे हैं। उन्हें धमकी देकर भगा रहे हैं। डरे- सहमे लोग रोजगार छोड़कर भाग रहे हैं। हम भी उसी में शामिल हैं। मजदूरों ने बताया कि एक बालिका के साथ हुए दुष्कर्म के बाद लोग गुस्से में है, लेकिन आखिर इसमें मजदूरों का क्या कसूर है। जहां रोजगार मिलेगा वहीं तो जाएंगे। अपने ही देश में हम बेगाने हो गए हैं। यहां जान लें कि 28 सितंबर को गुजरात के साबरकांठा जिले में एक बालिका के साथ हुए दुष्कर्म के बाद लोग ङ्क्षहदी भाषी क्षेत्र खासकर बिहार और यूपी लोगों पर हमला कर रहे हैं। इसके चलते पलायन बढ़ गया है।  यात्रियों ने कुछ यूं बयां किया अपना दर्द

मोतिहारी पश्चिमी चंपारण के बिंदेश्‍वर ने कहा कि 15 दिन पहले मेरे साथ 12 लोग गुजरात गए थे। सभी सारनपुर स्थित पोखरों में मछली पकडऩे का काम करते हैं। महीने में 15 से 16 हजार की कमाई हो जाती है। यह कार्य हम लोग वर्षों से करते आ रहे हैं। अब तो यह रोजगार भी छिन गया। यहीं के हरिलाल और राजू ने कहा कि सबसे अधिक अहमदाबाद के लोग आक्रोशित हैं। वे खोजकर बिहार और यूपी के लोगों को पीट रहे हैं। यहां रोजगार नहीं होने के चलते ही गुजरात जाना पड़ता है। मामला शांत होने के बाद फिर जाएंगे। रोजी-रोटी का सवाल है। गोपालगंज बिहार के स्‍वामीनाथ ने कहा कि गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिहार और यूपी के लोगों को निशाना बनाकर भगाया जा रहा है। लोग चौराहों पर, दुकानों में और स्टेशनों पर खोजकर बिहार के लोगों को मार रहे हैं। जिस कंपनी में कार्य कर रहे थे, वे भी संदेह की दृष्टि से देखने लगे। यह ज्यादती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.