गोरखपुर के दस हजार परिवारों को बड़ी राहत, वेटलैंड के दायरे में नहीं आएंगी जीडीए की कालोनियां
गोरखपुर के दस हजार मकानों के निर्माण पर मंडरा रहा खतरा टल गया है। उन्हें बड़ी राहत मिली है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की आवासीय योजना लोहिया एंक्लेव भी इस दायरे से बाहर है। अब इन मकानों के टूटने की आशंका टल गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के पहले वेटलैंड के रूप में रामगढ़ताल वेटलैंड का नोटिफिकेशन सोमवार को शासन ने जारी कर दिया। नोटिफिकेशन में शामिल गाटा संख्या में कोई भी निर्माण सम्मिलित नहीं है। ऐसे में करीब 10 हजार निर्माणों पर मंडरा रहा संशय का बादल छंट गया है। उन्हें बड़ी राहत मिली है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की आवासीय योजना लोहिया एंक्लेव भी इस दायरे से बाहर है। पिछले करीब चार साल से भटक रहे इसके 450 आवंटियों को कब्जा देने की राह आसान हो जाएगी। जीडीए बोर्ड की बैठक में इस मुद्दे को लाकर कब्जा देने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
रामगढ़ताल वेटलैंड के दायरे में आवासीय एवं वाणिज्यिक मिलाकर करीब 10 हजार मकान बने हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) की हाईपावर कमेटी की ओर से सभी निर्माण ध्वस्त करने की संस्तुति की गई थी। पर वन विभाग की ओर से वेटलैंड का नोटिफिकेशन जारी किए जाने के बाद अब प्राधिकरण एनजीटी में निर्माणों को कार्रवाई के दायरे से बाहर करने को लेकर दमदारी से पक्ष रख सकेगा। 50 मीटर दायरे में करीब पांच हजार मकान जीडीए की योजनाओं के हैं।
लोहिया एंक्लेव के आवंटी लंबे समय से कर रहे थे संघर्ष
जीडीए ने 2015 में लोहिया एंक्लेव के लिए पंजीकरण शुरू किया था। 2017 में आवंटियों को कब्जा मिलना था, पर अलग-अलग कारणों से आवंटियों को कब्जा नहीं मिल पाया। बाद में एनजीटी के निर्देशों के कारण कब्जे की प्रक्रिया लगभग बंद हो गई। एनजीटी में अभी भी सुनवाई चल रही है। अब रामगढ़ताल के वेट लैंड का दायरा तय हो जाने और उसमें लोहिया
एंक्लेव की जमीन नहीं आने से अब प्राधिकरण इन्हें कब्जा दिलाने की तैयारी शुरू कर करने जा रहा है।
वेटलैंड का नोटिफिकेशन जारी हो गया है। प्राधिकरण की आवासीय परियोजना लोहिया एंक्लेव उस दायरे में नहीं आयी है। अब आवंटियों को कब्जा देने के लिए बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा। बोर्ड के निर्णय के अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी। - राम सिंह गौतम, सचिव,जीडीए।
लोहिया आवंटियों में खुशी
वेटलैंड के दायरे से बाहर होने के कारण लोहिया आवंटियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। उन्होंने उम्मीद जतायी है कि अब उनका संघर्ष समाप्त होगा और आवास पर कब्जा मिल सकेगा।
रामगढ़ताल के वेटलैंड घोषित होने के बाद लोहिया एंक्लेव में कब्जा मिलने की राह से बाधा समाप्त हो गई है। आवंटियों के संघर्ष के कारण वेटलैंड घोषित करने का काम तेजी से हुआ है। सभी आवंटियों को बधाई। - अरुण सिंह, अध्यक्ष, लोहिया एंक्लेव आवंटी समिति।
पिछले करीब चार सालों से लोहिया एंक्लेव के आवंटी कब्जा पाने के लिए दौड़ रहे हैं लेकिन अब जाकर राह आसान हुई है। प्राधिकरण आवंटियों को जल्द से जल्द कब्जा देकर उनकी समस्या का निराकरण करे। - अवनीश कुमार शुक्ला, आवंटी।