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कोरोना संक्रमण में आक्सीजन की कमी से बचाएगा भस्त्रिका प्राणायाम, आप भी आजमाएं

कोरोना संक्रमण में भस्त्रिका प्राणायाम आपको बचा सकता है। पतंजलि योग पीठ के जिलाध्यक्ष हरिनारायण धर दूबे ने बताया कि यह प्राणायाम करने से शरीर में आक्सीजन की मात्रा कम नहीं होने पाएगी और बड़ी मात्रा में कार्बनडाइआक्साइड शरीर से बाहर निकल जाएगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 09:02 AM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 09:02 AM (IST)
कोरोना संक्रमण में आक्सीजन की कमी से बचाएगा भस्त्रिका प्राणायाम, आप भी आजमाएं
कोरोना संक्रमण में भस्त्रिका प्राणायाम बहुत कारगर होता है। - इंटरनेट मीडिया से साभार

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण में सर्वप्रथम समस्या फेफड़े की आती है। सांस लेने में दिक्कत व फेफड़े में सूजन की वजह से आक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है। इस स्थिति से भस्त्रिका प्राणायाम बचा सकता है। पतंजलि योग पीठ के जिलाध्यक्ष हरिनारायण धर दूबे ने बताया कि यह प्राणायाम करने से शरीर में आक्सीजन की मात्रा कम नहीं होने पाएगी और बड़ी मात्रा में कार्बनडाइआक्साइड शरीर से बाहर निकल जाएगा, जो अनेक बीमारियों का कारण बनता है।

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प्राणायाम का तरीका

सुबह नित्यकर्म निवृत्त होकर किसी सुविधाजनक आसन में बैठ जाएं। आसन नहीं लगा सकते हैं तो कुर्सी पर बैठें। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। अंगूठे के सिरे से तर्जनी उंगली के सिरे को मिलाएं। आंखें बंद करें। अब धीरे धीरे पांच से सात सेकेंड में गहरी श्वांस लें। पूरी श्वांस भर कर फेफड़े को ढीला छोड़ दें। 

दूषित वायु बाहर निकलने दें, थोड़ी सी हवा फेफड़े में बचती है उसे भी हल्का दबाव देकर बाहर कर दें। यह क्रिया बार-बार पांच मिनट तक करें। हर बार श्वांस भरते हुए मन में ऊं का स्मरण करें। साथ ही शुभ इच्छा शक्ति के साथ संकल्प करें या अनुभव करें कि अंदर जाने वाली प्राणवायु के साथ एक अखंड दैवीय, प्राकृतिक ऊर्जा मेरे शरीर में प्रविष्ट होकर पूरे शरीर में व्याप्त हो रही है।

सावधानी

प्राणायाम खाली पेट व खुले वातावरण में ही करना चाहिए।

 हाई बीपी या पेसमेकर वाले मरीज श्वांस भरने में बहुत दबाव न दें।

सुबह का अभ्यास सूर्योदय के पहले एवं सायं का अभ्यास सूर्यास्त के बाद करना चाहिए।

तीनों दोषों का शमन करती है गिलोय

आयुर्वेदाचार्य डा. केशव नारायण त्रिपाठी ने गिलोय का काढ़ा पीने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में किसी भी रोग के कारण तीन दोष- वात, कफ व पित्त होते हैं। शास्त्रों में है कि यदि तीनों दोष उत्पन्न हो जाएं तो उनका शमन करने की शक्ति अकेले गिलोय में है। यह प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है और अनेक प्रकार की बीमारियों को दूर भगाती है। उंगली के एक पोर के बराबर गिलोय लें। उसका छिलका उतार कर कूंच लें। उसे एक कप पानी में उबालें। जब चौथाई बचे तो पी जाएं।

छह घंटे में उतार दें मास्क

जिला अस्पताल के फिजिशियन डा. राजेश कुमार ने बताया कि इस समय मास्क सभी को पहनना बहुत जरूरी है। जब भी घर से बाहर निकलें, मास्क जरूर पहन लें। घर में कोई पाजिटिव है तो हमेशा लगाए रहें, रात को सोते समय या खाते-पीते समय ही हटाएं। मास्क को बार-बार हाथों से न छुएं। कोई भी मास्क छह घंटे से अधिक न पहनें। उतारने के बाद उसे इधर-उधर न फेंके। जमीन में गड्ढा खोदकर उसे डाल दें और ऊपर से मिट्टी चढ़ा दें। सबसे अच्छा मास्क एन 95 माना जाता है। लेकिन कोई भी थ्री लेयर मास्क कोरोना की रोकथाम में प्रभावी है।


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