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बेसिक शिक्षा मंत्री बोले, आधुनिक सुविधाओं से लैश होंगे परिषदीय विद्यालय Gorakhpur News

बेसिक शिक्षा विभाग की नींव के पत्थर शिक्षक ही हैं। किसी की भी सरकार हो बिना शिक्षक के शिक्षा कायाकल्प नहीं हो सकता। यूपी की योगी सरकार किसी के साथ भेदभाव नहीं कर रही है। जिसकी जितनी जरूरत है सबको उतना देते हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 05:30 PM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 05:30 PM (IST)
बेसिक शिक्षा मंत्री बोले, आधुनिक सुविधाओं से लैश होंगे परिषदीय विद्यालय Gorakhpur News
परिषदीय विद्यालयों के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते बेसिक शिक्षा मंत्री डा.सतीश द्विवेदी। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : बेसिक शिक्षा विभाग की नींव के पत्थर शिक्षक ही हैं। किसी की भी सरकार हो, बिना शिक्षक के शिक्षा कायाकल्प नहीं हो सकता। यूपी की योगी सरकार किसी के साथ भेदभाव नहीं कर रही है। जिसकी जितनी जरूरत है, सबको उतना देते हैं। असुविधा के कारण अपना विद्यालय बदलना चाहते हैं तो 20 मई से 20 जून तक जनपद के अंदर स्थानान्तरण प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे। यह स्थानांतरण सामान्य शिक्षकों के सापेक्ष आकांक्षी जनपदों में भी होगा। शिक्षकों की समस्‍याओं का समाधान होगा, पर सभी को नियमित स्कूल जाना पड़ेगा। यह बातें प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. सतीश द्विवेदी ने कही। वह सिद्धार्थनगर जिले के बीएसए कार्यालय परिसर में 30 करोड़ की लागत से 126 विद्यालय भवन के शुभारंभ कार्यक्रम में बोल रहे थे।

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465 विद्यालय में नहीं बन पाई थी बाउंड्री 

शिक्षामंत्री ने कहा कि 2261 में 465 विद्यालय में बाउंड्री नहीं बन पाई थी। अब दो सौ विद्यालयों पर बाउंड्री बनाने का कार्य चल रहा है। जल्द ही सभी विद्यालय बाउंड्री के अंदर होंगे। पढ़ने वाले गरीब परिवार के बच्चों को बिना फीस के सभी सुविधाएं दी गईं हैं। सरकार के प्रयास से प्रदेश में एक लाख 21 हजार शिक्षकों की भर्ती हुई है। 955 शिक्षक जनपद को मिले हैं। प्रदेश में 50 हजार विद्यालयों में कायाकल्प हो गया है। 35 हजार स्कूलों में काम चल रहा है। 14 पैरामीटर पर काम कराए जा रहे हैं।

31 मार्च तक पूर्ण कर लिए जाएंगे कार्य

सभी कार्य 31 मार्च, 2021 तक इसे पूर्ण कर लिया जाएगा। उसके पश्चात विद्यालयों में फर्नीचर, दिव्यांग के लिए रैंप, खेल का मैदान 31 मार्च 2022 तक पूर्ण किया जाना है। इसके पहले के सरकारों में कभी इस तरह के काम नहीं हुए। निर्माण के 15 वर्ष में ही कई विद्यालय के भवन जर्जर हो गए थे, बच्चों के बैठने के लिए उचित नहीं था। ऐसे विद्यालयों के पुनर्निर्माण के लिए अनुमति दी गई है। प्राथमिक के विद्यालय के बच्चे सपने में नहीं सोचे होंगे कि टायल्स पर बैठ कर पढ़ाई करेंगे। प्रदेश में आठ हजार विद्यालयों का निर्माण होना है। इस वर्ष 1194 विद्यालय निर्माण के लिए स्वीकृति हुआ है। शोहरतगढ़ के विधायक चौधरी अमर सिंह, सीडीओ पुलकित गर्ग ने भी अपने विचार रखे। बीएसए राजेन्द्र सिंह, डायट प्राचार्य उपेंद्र कुमार, एडी बेसिक आनंद पांडेय, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राधेरमण त्रिपाठी, पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डा. अरूणेेंद्र त्रिपाठी, कलीमुल्लाह, विक्रांत त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।

ड्रेस का पैसा जाएगा खाते में

जिस दिन सभी अभिभावकों के खाते बैंक में खुल जाएंगे और उसे आधार से लिंक कर दिया जाएगा, उसके पश्चात पैसा सीधे अभिभावकों के खाते में भेजे जाएंगे। बच्चे अपनी पसंद का सामान खरीद सकेंगे। बच्चों की शिक्षा पोषण सुविधा पर योगी सरकार कभी समझौता नहीं करेंगे।

कम होगा शिक्षकों का बोझ

अध्यापकों को पहले 46 रजिस्टर मेंटेन करने पड़ते थे, जिसे घटाकर 18 कर दिया गया है। भविष्य में इसे और कम किया जाएगा। सभी व्यवस्था आनलाइन की जा रही है। अंतरजनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण के लिए सात हजार आवेदन मिले थे, जो करना संभव नहीं था। फिर भी पांच हजार पारस्परिक स्थानांतरण किया गया है। 21 हजार एकल स्थानांतरण किए गए हैं।


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