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बेसिक शिक्षा विभाग जुटा रहा कोरोना से मृत शिक्षकों का ब्योरा, जानें-क्‍या है मकसद Gorakhpur News

प्रदेश भर में शिक्षकों की कोरोना से हुई मौत व शिक्षक संगठनों द्वारा इस मामले को तूल देने के बाद विभाग हरकत में आया है। शासन के निर्देश पर विभाग कोरोना से मृत शिक्षकों का ब्योरा एकत्र करने में जुट गया है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 04:47 PM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 04:47 PM (IST)
बेसिक शिक्षा विभाग की प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना से जान गंवाने वाले शिक्षकों का ब्योरा बेसिक शिक्षा विभाग ने बेसिक शिक्षाधिकारियों से तलब किया है। प्रदेश भर में शिक्षकों की कोरोना से हुई मौत व शिक्षक संगठनों द्वारा इस मामले को तूल देने के बाद विभाग हरकत में आया है। शासन के निर्देश पर विभाग कोरोना से मृत शिक्षकों का ब्योरा एकत्र करने में जुट गया है। बीएसए द्वारा सभी विकास खंडों से ऐसे शिक्षक-शिक्षिकाओं की सूची तैयार कराई जा रही है, जिनकी मौत कोरोना से हुई है।

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शिक्षक संघ ने 50 लोगों की मौत सौंपी सूची

जनपद की बात करें तो उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिले में पचास शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की सूची जारी कर उनकी मौत कोरोना से होने का दावा किया है। शिक्षक संगठनों के दावे पर गौर करें तो अकेले गोरखपुर जिले में पंचायत चुनाव के दौरान 50 लोगों की मौत हुई है। इसमें शिक्षामित्र, सहायक अध्यापक, प्रधानाध्यापक, लिपिक व लेखाकार शामिल हैं। कोरोना से हुई मौत का हवाला देते हुए सभी शिक्षक एवं कर्मचारियों के बारे में संपूर्ण ब्‍यौरा दिया गया है। शासन को चाहिए कि सभी के परिवार को तत्‍काल राहत मुहैया कराए।

मुआवजे की मांग

उत्‍तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री श्रीधर मिश्र का कहना है‍ कि संगठन पहले ही कोरोना से मृत शिक्षकों-कर्मचारियों को 50 लाख मुआवजे की मांग की चुकी है। शासन को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। लेकिन बीएसए से जो सूची मंगाई जा रही है उसमें मृत्यु का स्थान मांगा जा रहा है। यानी चुनाव ड्यूटी के दौरान जिनकी मृत्यु हुई है उसे ही अनुग्रह राशि देने की शासन की मंशा झलक रही है। जबकि चुनाव ड्यूटी व प्रशिक्षण के दौरान ही कई ऐसे शिक्षक-कर्मचारी संक्रमित हो गए थे, जिनकी मृत्यु दो हफ्ते के अंदर हो चुकी है।


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