सावधान! राहगीरों के लिए जानलेवा बनी पतंगबाजी, प्रतिबंध के बाद भी इस्तेमाल हो रहा 'खूनी माझा'- पुलिस भी बेखबर
चाइनीज मांझा प्रतिबंधित होने के बावजूद सख्ती के अभाव में लोगों की जान लेने को अमादा है। मांझे में फंसकर कई लोगों की अंगुली गला कटने के बाद भी पुलिस बड़े हादसे का इंतजार कर रही है। यही वजह है कि इसको लेकर सख्ती नहीं बरती जा रही।
गोरखपुर, जितेन्द्र पाण्डेय। वर्ष 2017 में जिस चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध लग चुका है। वह अब भी बाजारों में धड़ल्ले से बिक रहा है। 16 जनवरी 2023 में होमगार्ड की मांझे से होठ व अंगुली कटने के बाद पुलिस विभाग ने अभियान चलाकर दुकानदारों पर कार्रवाई करने की बात कही थी, मगर नहीं चला। 27 मार्च 2023 को संविदा बिजलीकर्मी का गला कट गया। स्वजन अस्पताल ले जाकर 17 टांके लगवाये। उसकी स्थिति गंभीर बनी हुयी है। अब पुलिस किस चीज का इंतजार कर रही है।
नायलान और मेटैलिक पाउडर से मिलाकर बनता है चाइनीज मांझा
चाइनीज मांझा को नायलान और मेटैलिक पाउडर से मिलाकर बनाया जाता है जो की काफी लचीला होता है। पतंग के पेंच लड़ाते समय यह आसानी से कटने के बजाय खिंचकर और बढ़ जाता है। साथ ही सामान्य डौर से बने मांझे से सस्ता होने के चलते और बाजार में उपलब्ध होने के कारण लोग इसे ज्यादा खरीदते हैं। पतंग कटने के बाद यह वाहन चालकों के हाथ और गले में फंसकर उन्हें घायल करता है। कई मामलों में तो इससे लोगों की जान भी जा चुकी है। बावजूद प्रशासनिक तंत्र की लापरवाही के कारण अभी भी लोगों व पक्षियों के लिए जानलेवा साबित हो रही है।
सख्त कार्रवाई से लग सकता है लगाम
2017 में एनजीटी ने चाइनीज मांझा पर पाबंदी लगा दी थी। इसके बाद कहा गया था इसे बेचने वालों के विरुद्ध एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट (पर्यावरण संरक्षण अधिनियम्) के तहत कार्रवाई की जाए। यदि किसी के विरुद्ध इस अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी तो उसे पांच साल की सजा या एक लाख जुर्माना हो सकता है। लेकिन, इसके बाद भी कार्रवाई नहीं की जाती है।
चार दिन बाद बची थी जान
वर्ष 2021 में नौसढ़ के पास खजनी के संजय निगम की गर्दन चाइनीज मांझे में फंसकर कट गयी थी। बेहोशी की हालत में उन्हें जिला अस्पताल लाया गया। वहां से उन्हें मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। चार दिन इलाज के बाद उन्हें होश आया और जान बची।
एसपी नगर ने अभियान चलाने को कहा था
16 जनवरी 2023 को गगहा जाते समय होमगार्ड की अंगुली कटने के बाद पुलिस अधीक्षक नगर ने कहा था कि जल्द ही अभियान चलाकर चाइनीज मांझा बेचने वाले दुकानों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बावजूद अभी तक कोई अभियान नहीं चल और न ही कोई दुकानदार ही पकड़ा गया।
वर्ष 2022 में इनके साथ हो चुकी हैं घटनाएं
- सूरजकुंड निवासी बबलू बाइक से विजय चौक के पास स्थित अपनी दुकान जा रहे थे। सूरजकुंड फ्लाइओवर पर गले में कुछ फंसा महसूस हुआ। बाइक रोके तब तक मंझा गले में फंस गया। हाथ से खींचने पर उनकी अंगुली कट गई।
- सीए फाइनल की छात्रा मेहता घायल हो गई थीं। वह स्कूटी से जा रही थीं और तरंग क्रासिंग के पास मंझे में फंसकर उनकी गर्दन कट गई थी।
- मोहद्दीपुर में राजीव कुमार चाइनीज मांझे की चपेट में आने से घायल हो गए। वह बाइक से मोहद्दीपुर चौराहे की तरफ जा रहे थे। तभी उनकी बाइक से मंझा फंस गया जब तक वह बाइक रोकते, उनकी अंगुली कट गई।
वर्ष 2023 में
- 16 जनवरी को गगहा क्षेत्र के दूदापार निवासी जयराम प्रसाद होमगार्ड है। सहजनवां थाने से ड्यूटी करने के बाद घर जा रहे थे। ओवरब्रीज पर चाइनीज मांझा में फंसकर उनका होठ कटकर अलग हो गया था। इसी दिन एक युवक की अंगुली भी मांझे से कटी थी।
- 25 मार्च को हुमायुपुर में ग्रीन सिटी निवासी ईशानंद पाण्डेय तिवारीपुर की तरफ गयी थी। इसी दौरान मांझे की चपेट में आ गयी। उनके नाक कट गया
- 27 मार्च को हुमायुपुर उत्तरी के रहने वाले विजय प्रकाश चौधरी संविदा बिजलीकर्मी हैं। घर जाते समय उनकी गर्दन में मांझा फस गया। इससे उनकी गर्दन कट गयी। अस्पताल में इलाज चल रहा है।