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यूपी के 91 अनुदानित मदरसों के शिक्षकों, कर्मचारियों के वेतन व अनुदान पर रोक

यूपी के 91 अनुदानित मदरसों के शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन व अनुदान पर सरकार ने रोक लगा दी है। इसमें गोरखपुर-बस्ती मंडल के करीब एक दर्जन अनुदानित मदरसे भी शामिल हैं।नवीनीकरण न होने पर गोरखपुर के सबसे पुरानेे मदरसेे अंजुमन इस्लामियां को भी इस सूची में रखा गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 10:30 AM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 10:30 AM (IST)
यूपी के 91 अनुदानित मदरसों के शिक्षकों, कर्मचारियों के वेतन व अनुदान पर रोक
91 अनुदानित मदरसों के शिक्षकों-कर्मचारियों के वेतन व अनुदान पर सरकार ने रोक लगा दी है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। प्रदेश के कई जिलों के 91 अनुदानित मदरसों के शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन व अनुदान पर सरकार ने रोक लगा दी है। जिसमें गोरखपुर-बस्ती मंडल के करीब एक दर्जन अनुदानित मदरसे शामिल हैं। सोसाइटी रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण न होने पर शहर  का सबसे पुराना मदरसा अंजुमन इस्लामियां को इस सूची में रखा गया है। 

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मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने अनुदानित मदरसों में सोसाइटी रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण न कराने के मामले में 56 मदरसों के शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन व अन्य अनुदान पर रोक 21 दिसंबर से लगा दी। वहीं कई जिलों के 35 अनुदानित मदरसों पर अन्य वजहों से कार्रवाई की गई है। इनमें बस्ती के चार, महराजगंज के दो तथा देवरिया व सिद्धार्थनगर के एक-एक मदरसे शामिल हैं। पूरे प्रदेश में अनुदानित मदरसों के एक हजार शिक्षक/कर्मचारियों का वेतन व अनुदान रुक गया है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पांडेय ने बताया कि मदरसा अंजुमन इस्लामियां ने सोसाइटी रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण की रसीद विभाग में जमा की है इसलिए उसे कार्रवाई की जद से बाहर रखा गया है। 

नवंबर में आया था नवीनीकरण का आदेश

मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार आरपी सिंह के नवंबर में दिए निर्देश के मुताबिक मदरसा पोर्टल पर पंजीकृत समस्त मदरसों की सोसाइटी के सदस्यों एवं प्रमाण पत्रों के नवीनीकरण की सूचना मदरसे के जिम्मेदारों को निर्धारित प्रारुप पर देनी थी। मदरसा पोर्टल पर लाक होने के बावजूद कई मदरसों के सोसायटी का नवीनीकरण नहीं हुआ है। ऐसे मदरसों के ऊपर कार्रवाई की गई है। जिले में दस अनुदानित सहित करीब 250 से अधिक मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। 

हथकरघा बुनकरों के खाते में जाएंगे 3900 रुपये

हथकरघा पर काम करने वाले बुनकरों के लिए अच्छी खबर है। 15 जनवरी से पहले उन्हें सब्सिडी का लाभ मिलेगा। प्रतिपूर्ति योजना के तहत प्रदेश सरकार सब्सिडी दे रही है। गोरखपुर, संतकबीर नगर एवं महराजगंज के बुनकरों के खाते में एक मुश्त 3900 (12 माह की सब्सिडी) रुपये डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) से पहुंचेगी। 

आर्थिक रूप से कमजोर हथकरघा बुनकरों तक सब्सिडी का लाभ पहुंचाने के लिए हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग एवं बिजली निगम की टीम ने घर-घर जाकर सर्वे किया था। इसके बाद गोरखपुर के 255, संतकबीर नगर के 125 तथा महराजगंज के सात बुनकरों का चयन किया गया। एक बड़ी एलईडी लाइट, दो पंखा या फिर एक पंखा व एक कूलर चलाने पर हर माह खर्च होने वाली बिजली पर सब्सिडी मिलनी है। सब्सिडी का लाभ लेने के लिए बुनकरों के पास बुनकर कार्ड, बैंक खाता एवं आधार कार्ड होना जरूरी है। तीनों में से एक भी आईडी बुनकरों के पास नहीं होगी तो उन्हेंं लाभ नहीं मिल पाएगा! सहायक आयुक्त हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग रामबड़ाई ने बताया उपायुक्त निबंधन हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, कानपुर को पिछले वर्ष दिसंबर में सूची भेजी गई थी। गोरखपुर, संतकबीर नगर एवं महराजगंज के 387 बुनकरों को बिजली बिल में सब्सिडी मिलनी है।  


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