राष्ट्रद्रोह के आरोपितों की जमानत खारिज, यह किया था दुस्साहस
15 अगस्त को दो शिक्षकों ने मदरसे में राष्ट्रगान मना कर दिया था। हालांकि छात्र राष्ट्रगान गाना चाहते थे। दोनो की जमानत याचिका खारिज हो गई।
गोरखपुर, (जेएनएन)। महराजगंज के जनपद न्यायाधीश अमरनाथ ¨सह ने मंगलवार को राष्ट्रद्रोह के दो आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी। दोनों आरोपितों पर एक मदरसे में 15 अगस्त को राष्ट्रगान के विरोध का आरोप है। कोल्हुई थाना अंतर्गत ग्राम बड़गों स्थित मदरसे में इसी वर्ष 15 अगस्त को आयोजित ध्वजारोहण समारोह में शिक्षक फजलुर्रहमान निवासी ग्राम मेधौली, निचलौल व जुनेद अंसारी निवासी बड़गों ने राष्ट्रगान का विरोध किया था और बच्चों को भी राष्ट्रगान गाने से मना कर दिया था।
हालांकि तब छात्रों ने इसका विरोध किया था। उसके बाद इसका वीडियो वायरल हो गया। वीडियो वायरल होने के बाद ग्राम सभा पिपरा परसौनी निवासी उमेश यादव ने दोनों शिक्षकों के खिलाफ कोल्हुई थाने में 124 ए, 153 बी, 120 बी भादवि, राष्ट्र गौरव अपमान निवारण अधिनियम व सात क्रिमिनल ला के तहत केस दर्ज कराया था। केस दर्ज होने के बाद हरकत में आई पुलिस ने मामले की जांच की। लोगों के बयान भी दर्ज किए गए। उसके बाद फजलुर्रहमान व जुनेद अंसारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
इसे लेकर दोनो आरोपित क्षेत्र में चर्चा का विषय बने रहे। बाद में दोनों आरोपितों ने पहले सीजेएम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी पर सीजेएम ने जमानत याचिका खारिज कर दी। उसके बाद दोनों आरोपितों ने जिला जज कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर दी। जिला शासकीय अधिवक्ता मिथिलेश पांडेय ने जोरदार बहस कर जमानत का विरोध किया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को किसी भी कीमत पर जमानत नहीं दी जानी चाहिए। अन्यथा समाज में इसका गलत संदेश जाएगा। वर्तमान समय में राष्ट्रद्रोह के दोनों आरोपित जेल में हैं।