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गोरक्ष संग्रहालय में दिखेगा नामचीन संग्रहालयों का अक्स

पूर्वाचल के गोरखनाथ मंदिर के संग्रहालय में तमाम प्रसिद्ध स्थानों का अक्स दिखेगा, इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 10:01 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 10:01 AM (IST)
गोरक्ष संग्रहालय में दिखेगा नामचीन संग्रहालयों का अक्स

डा. राकेश राय , गोरखपुर: गोरखनाथ मंदिर में बड़ी तादाद में आने वाले श्रद्धालुओं को पूर्वाचल की आध्यात्मिक धरोहरों का अवलोकन कराने के लिए पर्यटन विभाग मंदिर परिसर में गुरु गोरक्षनाथ संग्रहालय स्थापित करने जा रहा है। इसमें देश भर के नामचीन संग्रहालयों का अक्स दिखेगा। इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पयर्टन निदेशालय से मिले निर्देश के बाद विभाग का क्षेत्रीय कार्यालय कार्यदायी संस्था के माध्यम से देश के महत्वपूर्ण संग्रहालयों के प्रारूप और शिल्प के अध्ययन में जुट गया है।

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बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी के गोरखपुर दौरे के दौरान जब क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी ने कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम के वास्तुविद के साथ उनके सामने संग्रहालय का खाका प्रस्तुत किया था तो मुख्यमंत्री ने उन्हें देश भर बड़े संग्रहालयों के शिल्प के अध्ययन के बाद एक विशिष्ट डीपीआर तैयार कराने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद पर्यटन निदेशालय ने क्षेत्रीय कार्यालय को अक्षरधाम मंदिर और कोलकाता संग्रहालय के शिल्प को ध्यान में रखकर गुरु गोरक्ष संग्रहालय का विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने को कहा। दोनों ही निर्देशों के अनुसार देश के इन नामचीन संग्रहालयों का अध्ययन कार्य शुरू हो गया है। अध्ययन के बाद क्षेत्रीय पर्यटन विभाग एक कच्चा खाका तैयार करेगा और उसपर मुख्यमंत्री और निदेशालय की अनुमति के बाद संग्रहालय का डीपीआर तैयार किया जाएगा। वह डीपीआर धन आवंटन के लिए भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय भेजा जाएगा। संस्कृति मंत्रालय से आवंटित धनराशि के बाद यदि धन की कमी होती है तो उसकी भरपाई राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संग्रहालय निर्माण में धन की दिक्कत न आने देनी की बात कही है।

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नाथ पंथ के धरोहरों के लिए होगी अलग गैलरी

संग्रहालय के लिए पर्यटन विभाग द्वारा तैयार किए गए प्राथमिक प्रारूप के अनुसार इसमें नाथ संप्रदाय से जुड़े धरोहरों के लिए अलग गैलरी होगी जबकि बौद्ध और जैन धरोहरों के लिए अलग गैलरी का निर्धारण किया जाएगा। अध्यात्मिक धरोहरों से इतर बहुमूल्य धरोहरों के लिए अलग स्थान निर्धारित किया जाएगा। इस संग्रहालय में टेराकोटा को भी महत्वपूर्ण स्थान देने की योजना है, जिसे लेकर गोरखपुर की विश्व स्तरीय पहचान बन चुकी है। धरोहरों को हासिल करने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।

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गोरखपुर आने वाला हर पर्यटक गुरु गोरक्षनाथ के दर्शन के लिए गोरखनाथ मंदिर जरूर जाता है। ऐसे में प्रति वर्ष गोरखनाथ मंदिर में लाखों पर्यटक आते हैं। खिचड़ी के मेले के दौरान तो यह संख्या और ज्यादा हो जाती है। इसे देखते हुए ही मंदिर परिसर में संग्रहालय बनाने का निर्णय लिया गया है, जिससे दर्शन करने के लिए आने वाले पर्यटक पूर्वाचल की आध्यात्मिक धरोहरों से भी रूबरू हो सकें। संग्रहालय निर्माण का अंतिम प्रारूप तय करने के लिए निदेशालय के निर्देशानुसार देश के कुछ बड़े संग्रहालयों का अध्ययन शुरू कर दिया गया है।

रवींद्र कुमार मिश्रा, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी, गोरखपुर


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