Move to Jagran APP

गोरखपुर में धूमधाम से मना अवधूत भगवान राम का परिनिर्वाण दिवस Gorakhpur News

गोरखपुर के अघोर पीठ में रविवार को अवधूत भगवान राम का परिनिर्वाण दिवस मनाया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने शामिल होकर अपनी आस्था व श्रद्धा अर्पित की। पूजन व आरती से माहौल भक्ति भाव से ओतप्रोत था।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 02:53 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 02:53 PM (IST)
अवधूत भगवान राम के परिनिर्वाण दिवस पर गोरखपुर में कार्यक्रम। - जागरण

गोरखपुर, जेएनएन। अघोर पीठ ट्रांसपोर्ट नगर में रविवार को धूमधाम से अवधूत भगवान राम का परिनिर्वाण दिवस मनाया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने शामिल होकर अपनी आस्था व श्रद्धा अर्पित की। पूजन व आरती से माहौल भक्ति से ओतप्रोत था।

loksabha election banner

कार्यक्रम की शुरुआत अघोर परंपरा के संतों- अघोराचार्य बाबा किनाराम, अवधूत भगवान राम व अघोराचार्य बाबा सिद्धार्थ गौतम रामजी महाराज की पूजा-अर्चना व आरती से हुई। इसके बाद आयोजित सहभोज में बड़ी संख्या में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। पीठ के संस्थापक अवधूत छबीलेराम ने कहा कि अघोर परंपरा में छुआछूत व भेदभाव का कोई स्थान नहीं है। सभी मनुष्य बराबर हैं और एक पिता की संतान हैं। सबको परमात्मा की आराधना का समान हक है। सभी पर परम पिता समान रूप से आशीर्वाद बरसाते हैं। सर्व समाज का कल्याण अघोर परंपरा के केंद्र में है। मनुष्य की सेवा सबसे बड़ी पूजा है। अघोर पीठ अपने स्थापना काल से ही यह करती आ रही है। इसी क्रम में ठंड को देखते हुए साधुओं व गरीबों को कंबल का वितरण किया गया है। 

200 साधुओं व गरीबों में वितरित हुआ कंबल

अवधूत छबीलेराम ने 200 साधुओं व गरीबों में कंबल का वितरण किया। दूर-दराज से आए साधु कंबल पाकर प्रसन्न थे। उन्होंने पीठ प्रमुख को अपना अशीर्वाद दिया।।

12 लोगों का हुआ मोतियाबिंद का निश्शुल्क आपरेशन

परिनिर्वाण दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को निश्शुल्क नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया गया था। 56 मरीजों की जांच की गई। 12 लोगों की आंखों में मोतियाबिंद था। सोमवार को अवधूत भगवान राम नेत्र एवं सामान्य रोग चिकित्सालय में उनका आपरेशन शुरू कर दिया गया।

मरीजों व तीमारदारों के आवास व भोजन की व्यवस्था

मोतियाबिंद के मरीजों व उनके तीमारदारों के आवास व भोजन की निश्शुल्क व्यवस्था अघोर पीठ पर की गई है। जब तक वे रहेंगे, उन्हें भोजन व आवास का कोई शुल्क नहीं देना होगा।

कौन थे अवधूत भगवान राम 

बीसवीं शताब्‍दी के चर्चित रहस्‍यदर्शी अवधूत भगवान राम ने वाराणसी में पड़ाव आश्रम की स्‍थापना की थी। वह किनाराम परंपरा के साधु थे। देश-विदेश में हजारों शिष्‍य हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.