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आटो चालकों व सब्जी विक्रेताओं का भी कराया जाएगा कोरोना टेस्ट Gorakhpur News

गोरखपुर के मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में चलाए जा रहे जागरूकता अभियान में और तेजी लाने की जरूरत है। कोरोना जांच केंद्र में अधिक से अधिक लोगों की जांच कराने का निर्देश मंडलायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को दिया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 08:26 AM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 08:26 AM (IST)
आटो चालकों व सब्जी विक्रेताओं का भी कराया जाएगा कोरोना टेस्ट Gorakhpur News
अलग-अलग व्यवसाय से जुड़े लोगों की कोरोना जांच करायी जाएगी। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। अधिक से अधिक जांच कराकर कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान के लिए अब अलग-अलग व्यवसाय से जुड़े लोगों की भी जांच करायी जाएगी। आटो चालक हों या फिर सब्जी बेचने वाले, दुकानदार हों या दुकानों व माल में काम करने वाले कर्मचारी, सभी की कोरोना जांच करायी जाएगी। जिले के सभी अधिकारियों को इस संंबंध में मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने निर्देश दिया है।

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कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए की जा रही तैयारियों की मंडलायुक्त ने की समीक्षा

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए मंडलायुक्त ने कहा कि अधिक से अधिक कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए स्मार्ट सैंपलिंग पर ध्यान देने की जरूरत है। जिनमें कोरोना के लक्षण दिखाई दें, उनकी सैंपलिंग जरूर करनी होगी। कोरोना संक्रमितों के बारे में जानकारी होगी तो और लोगों को भी बचाया जा सकेगा। त्योहारों के मद्देनजर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में और सतर्कता बरतनी होगी। इस महामारी से बचाव के लिए जो कार्य किए जा रहे हैं, उसकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखने का निर्देश मंडलायुक्त ने दिया है।

बुधवार को आयुक्त सभागार में जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन, मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर गौरव सिंह सोगरवाल, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. श्रीकांत तिवारी, मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. गणेश कुमार के साथ मंडलायुक्त ने बैठक की थी। बैठक में उन्होंने ब्लाकवार पाजिटिविटी दर की समीक्षा की। कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सैंपलिंग और बढ़ाने की जरूरत है। गांवों में खून की जांच भी बढ़ाने की जरूरत है। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की समीक्षा करते हुए मंडलायुक्त ने कहा कि रैपिड रिस्पांस टीमें (आरआरटी) घर पर रहने वाले मरीजों के यहां टीम जरूर जाए। यह तय किया जाए कि वहां रह रहा मरीज घर पर रहने लायक है या नहीं। यदि उसे स्वास्थ्य से जुड़ी कोई और समस्या है तो उसे कोविड अस्पताल में शिफ्ट कराया जाए। अस्पताल जाने से यदि कोई मना करता है तो ऐसे लोगों का नाम टीम एसडीएम को दे। उनके स्तर से ऐसे मरीजाें को अस्पताल भेजवाने की व्यवस्था की जाएगी।

जागरूकता अभियान में तेजी लाने की जरूरत

मंडलायुक्त ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में चलाए जा रहे जागरूकता अभियान में और तेजी लाने की जरूरत है। फोरेंसिक लैब में स्थापित 24 घंटे काम करने वाले कोरोना जांच केंद्र में अधिक से अधिक लोगों की जांच कराने का निर्देश मंडलायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को दिया है।


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