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एमएमएमयूटी के नए कुलपति नियुक्‍त, कुलाधिपति ने जारी किया आदेश Gorakhpur News

नव नियुक्त कुलपति प्रो. जेपी पांडेय का कहना है कि उनका लक्ष्य विश्वविद्यालय को विश्व फलक पर चमकाना और शोध का सामाजिक दायरा बढ़ाना है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 05:11 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 05:20 PM (IST)
एमएमएमयूटी के नए कुलपति नियुक्‍त, कुलाधिपति ने जारी किया आदेश Gorakhpur News
एमएमएमयूटी के नए कुलपति नियुक्‍त, कुलाधिपति ने जारी किया आदेश Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के नए कुलपति की नियुक्ति कर दी है। राजभवन से जारी पत्र कमला नेहरू इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाॅजी सुल्तानपुर के निदेशक प्रो. जेपी पांडेय विश्वविद्यालय के नए कुलपति होंगे। विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक वह जल्द ही वर्तमान कुलपति प्रो. श्रीनिवास सिंह से कार्यभार ग्रहण करेंगे।

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प्रो. पांडेय इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के विभाग के आचार्य हैं। उन्होंने राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय फैजाबाद से 1987 में बीटेक और 2001 में एमटेक की डिग्री हासिल की थी। पीएच.डी की उपाधि उन्होंने उत्तर प्रदेश प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय लखनऊ से ली है। 27 वर्ष शिक्षण और शोध कार्य करने क अनुभव रखने वाले प्रो. पांडेय अपनी प्रतिभा के लिए विभिन्न पुरस्कारों से भी नवाजे जा चुके हैं। 2013 में उन्हें डिजाइन एंड इंप्लीमेंटेड एकेडमिक माॅनिटरिंग सिस्टम के लिए भारत सरकार ने ई-गवर्नेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया था। प्रो. पांडेय को पेरिस का इंटरनेशनल स्टार फाॅर लीडरशिप अवार्ड भी मिल चुका है। वह चैलेंज एंड स्टेªटजी फाॅर सस्टेनबल एनर्जी, इफीसिएंसी एंड इन्वायरमेंट नाम के सह-लेखक भी हैं। वर्तमान कुलपति प्रो. श्रीनिवास सिंह ने 27 अप्रैल 2017 को विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यभार संभाला था। 26 अप्रैल 2020 को उनका तीन वर्ष का निर्धारित कार्यकाल समाप्त होना था लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया। बढ़ हुए कार्यकाल के उनकी कार्यावधि 27 जुलाई से समाप्त हो रही है। ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है कि नए कुलपति प्रो. जेपी पांडेय उससे पहले कार्यभार ग्रहण कर सकते हैं।

सामाजिक दायित्व निभाएंगे एमएमएमयूटी के शोध

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के नव नियुक्त कुलपति प्रो. जेपी पांडेय का कहना है कि उनका लक्ष्य विश्वविद्यालय को विश्व फलक पर चमकाना और शोध का सामाजिक दायरा बढ़ाना है। जागरण से बातचीत में उन्होंने विश्वविद्यालय के पठन-पाठन की प्रक्रिया को और गति देने को लेकर अपनी योजनाओं को साझा किया।

प्रो. पांडेय ने कहा कि शोध का दायरा बढ़ाने और सामाजिक दायित्व का निर्वाह करने के लिए विश्वविद्यालय को पूर्वांचल के गांवों से जोड़ने की हर संभव कोशिश की जाएगी। विश्वविद्यालय के शोधार्थियों को इसके लिए प्रेरित किया जाएगा। शोधार्थी शोध के लिए गांवोें तक पहुंचेंगे। उनका मानना है कि शोध के विषय जबतक सामाजिक जरूरतों को ध्यान में रखकर नहीं चुने जाएंगे, तबतक उनकी कोई सार्थकता नहीं होगी।  कोरोना संक्रमण काल में विश्वविद्यालय के संचालन की चुनौतियों की चर्चा पर प्रो. पांडेय ने कहा कि चुनौती को वह अवसर के रूप में लेते हैं। उन्होंने कहा कि वह वह उत्तर प्रदेश प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में सह परीक्षा नियंत्रक जैसे पदों पर अपने दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन कर चुके हैं, ऐसे में विश्वविद्यालय में अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने और अन्य वर्षों के छात्रों को प्रोन्नत देने की प्रक्रिया को सम्पन्न कराने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। यह सभी कार्य पूरी सहजता के साथ सम्पन्न किए जाएंगे। प्रो. पांडेय ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय के सभी निर्णय छात्रहित को ध्यान में रखकर लिए जाएंगे।


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