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मनरेगा घोटाले में आरोपित एपीओ व कंप्यूटर आपरेटर को जेल

पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने बताया कि मनरेगा घोटाले में परतावल ब्लाक के बरियरवा तालाब सुंदरीकरण के नाम पर वन विभाग के पोर्टल से 25.87 लाख उद्यान विभाग की मिलीभगत से 48.22 लाख और घुघली ब्लाक में कराए गए कुल सात कार्यों में 80 लाख के भुगतान कराए गए थे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 12:26 AM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 12:26 AM (IST)
मनरेगा घोटाले में आरोपित एपीओ व कंप्यूटर आपरेटर को जेल

महराजगंज: 1.54 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले के मास्टरमाइंड एपीओ विनय कुमार मौर्य व डीआरडीए के कंप्यूटर आपरेटर शिवराम गुप्त को शुक्रवार को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया, जहां सुनवाई के बाद दोनों आरोपितों को जेल भेज दिया गया। इस मामले में नामजद छह अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा दबिश दी जा रही है।

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पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने बताया कि मनरेगा घोटाले में परतावल ब्लाक के बरियरवा तालाब सुंदरीकरण के नाम पर वन विभाग के पोर्टल से 25.87 लाख, उद्यान विभाग की मिलीभगत से 48.22 लाख और घुघली ब्लाक में कराए गए कुल सात कार्यों में 80 लाख के भुगतान कराए गए थे। इस मामले में परतावल और घुघली के प्रभारी बीडीओ प्रवीण कुमार शुक्ल व वन विभाग के सदर एसडीओ चंद्रेश्वर सिंह की तहरीर पर कोतवाली में वन विभाग के सेवानिवृत्त एसडीओ घनश्याम राय, डीएफओ कार्यालय के लिपिक बिद्रेश सिंह व अरविद श्रीवास्तव के अलावा मास्टरमाइंड एपीओ विनय मौर्य व ठीकेदार दिनेश मौर्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। जांच के दौरान डीआरडीए के कम्प्यूटर आपरेटर शिवराम गुप्ता की संलिप्तता सामने आने पर उसका भी नाम बढ़ाया गया। शुक्रवार को मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच टीम के निरीक्षक सलीम खान व नगर चौकी प्रभारी दिनेश कुमार की टीम ने चार पहिया गाड़ी से नेपाल भागने की फिराक में रहे कंप्यूटर आपरेटर शिवराम गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। एपीओ की गिरफ्तारी पूर्व में क्राइम ब्रांच टीम ने कर ली थी। दोनों आरोपितों को शुक्रवार को न्यायालय चालान किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। बंद आइडी खोलने के लिए लखनऊ में देते थे 50 हजार रुपये

पुलिस की पकड़ में आने के बाद बर्खास्त एपीओ विनय कुमार मौर्य से पूछताछ में अब मनरेगा घोटाले का राज खुलता जा रहा है। पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने बताया कि मनरेगा में विवाद या अन्य कारणों से जिन कार्याें का मस्टररोल शून्य हो जाता था, आरोपित एपीओ उस आइडी को पुन: शुरू कराकर उसका भुगतान कराता था। इस कार्य में मनरेगा कार्यालय लखनऊ में कार्यरत एक अन्य एपीओ धर्मेंद्र त्रिपाठी मदद करता था। प्रत्येक बंद आइडी को खोलने के लिए धर्मेंद्र 50 हजार रुपये लेता था। एपीओ के खाते में मिला 11.50 लाख, सीज

गिरफ्तार एपीओ विनय कुमार मौर्य की जांच पड़ताल में उसके पास से एक लैपटाप, तीन आइफोन, एक छोटा मोबाइल, एक पेनड्राइव, एक रजिस्टर, दो क्रेडिट कार्ड, पांच पासबुक भी बरामद हुआ है। एसपी ने बताया कि इस बरामदगी के अलावा आरोपित एपीओ के दो बैंक खातों में 11.50 लाख रुपये भी मिले हैं। बैंक को पत्र भेजकर दोनों खातों को सीज करा दिया गया है।


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