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Coronavirus: गोरखपुर में निजी पैथोलाजी को अनुमति नहीं, फिर भी धड़ल्ले से हो रही एंटीबाडी की जांच

सीएमओ डा. श्रीकांत तिवारी का कहना है कि कहीं पर किसी भी निजी पैथोलाजी को एंटीबाडी के जांच की अनुमति नहीं है। यदि वे ऐसा कर रहे हैं तो गलत है। जांच कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 05:30 PM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 05:30 PM (IST)
Coronavirus: गोरखपुर में निजी पैथोलाजी को अनुमति नहीं, फिर भी धड़ल्ले से हो रही एंटीबाडी की जांच
एंटी बॉडी जांच की प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों में एंटीबाडी की जांच निजी पैथोलाजी में धड़ल्ले से की जा रही है। इसके लिए प्रति व्यक्ति 1200 रुपये वसूले जा रहे हैं, जबकि किसी निजी पैथोलाजी को इस जांच की अनुमति नहीं दी गई है। कोरोना संक्रमण से उबर चुके लोग एंटीबाडी को लेकर परेशान हैं। वे जानना चाहते हैं कि उनके शरीर में एंटीबाडी बनी या नहीं। इसका फायदा निजी पैथोलाजी संचालक उठा रहे हैं। उन्हें केवल ट्रूनेट मशीन से कोरोना जांच की अनुमति दी गई है, लेकिन नियमों को ताक पर रख वहां लोगों में एंटीबाडी की जांच की जा रही है।

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सरकार ने कराया सीरो सर्वे

एंटीबाडी की जांच के लिए सरकार की तरफ से सीरो सर्वे हुआ है। इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों से नमूने लिए गए हैं। अभी जांच रिपोर्ट नहीं आई है। किसी निजी पैथोलाजी इसकी जांच नहीं की जा रही है। सीएमओ डा. श्रीकांत तिवारी का कहना है कि किसी निजी पैथोलाजी को एंटीबाडी के जांच की अनुमति नहीं है। यदि वे ऐसा कर रहे हैं, तो गलत है। जांच कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

90 फीसद से अधिक लोगों में मिली एंटीबाडी

कोरोना की एंटीबाडी न बनने को लेकर चिंतित लोगों के लिए अच्‍छी खबर है। बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज में हुई जांच से स्पष्ट हो चुका है कि 90 फीसद से अधिक लोगों में एंटीबाडी बन रही है। दूसरी तरफ निजी पैथोलाजी के अनुसार एंटीबाडी सिर्फ 25 से 30 फीसद लोगों में बन रही है। इस दावे को बीआरडी मेडिकल कालेज के आंकड़े खारिज कर रहे हैं। गंभीर मरीजों के लिए प्लाज्मा थेरेपी शुरू हो चुकी है। प्लाज्मा दान के लिए आगे आए अभी तक कुल 11 लोगों में एंटीबाडी की जांच की गई। केवल एक व्यक्ति में एंटीबाडी नहीं मिली। शेष में पांच हास्पिटल में भर्ती थे और पांच होम आइसोलेशन में थे। इन 10 लोगों में पर्याप्त एंटीबाडी थी। इनमें से चार ने पहले ही प्लाज्मा दान कर दिया था। डा.वीके श्रीवास्तव की पहल पर हाल में सात लोग इसके लिए आगे आए। उनमें से एक व्यक्ति का प्लाज्मा बुधवार को लिया गया। इससे पहले मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग में दो बार संक्रमित हो चुके तीन लैब टेक्नीशियनों पर शोध किया गया, तो पता चला कि उनमें से एक में एंटीबाडी नहीं बनी थी व एक में कम थी। बीआरडी मेडिकल कालेज में ब्लड बैंक प्रभारी डा.राजेश कुमार राय का कहना है कि मेडिकल कालेज में उन्हीं में एंटीबाडी की जांच हो रही है, जो प्लाज्मा दान के इ'छुक हैं। अभी तक ऐसे 11 लोगों की जांच की गई, जिसमें से केवल एक में एंटीबाडी नहीं मिली।


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