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पूर्वांचल वासियों में तेजी से बढ़ रहा मोटापा, युवतियां हो रहीं शिकार, खानपान को लेकर डॉक्टर दे रहे खास सलाह

पूर्वांचल में मोटापे के मामले बढ़ रहे हैं। यहां 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग में हर पांचवां व्यक्ति मोटापे का शिकार है। जिसमें महिलाएं ज्यादा शामिल हैं। वहीं बच्चे दुबले हो रहे हैं। आइए जानते हैं किस वजह से मोटापा बढ़ रहा है?

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Sat, 26 Nov 2022 10:13 AM (IST)Updated: Sat, 26 Nov 2022 10:13 AM (IST)
पूर्वांचल वासियों में तेजी से बढ़ रहा मोटापा, युवतियां हो रहीं शिकार, खानपान को लेकर डॉक्टर दे रहे खास सलाह
पूर्वांचल वासियों में बढ़ रहा मोटापा। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। एक तरफ डॉक्टर लोगों को अनियंत्रित जीवनशैली और फास्ट फूड के इस्तेमाल से बचने की सलाह दे रहे हैं तो दूसरी तरफ मोटापा तेजी से बढ़ता जा रहा है। खास तौर पर युवतियों में बढ़ता मोटापा चिंता का विषय बनता जा रहा है। स्लिम बनने के लिए परेशान हर पांच में से एक युवती मोटापा का शिकार होती जा रही है। यही हाल पुरुषों का भी है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण पांच के आंकड़ों में 15 वर्ष से 49 वर्ष आयुव वर्ग वाले युवाओं में बढ़ते मोटापे पर चिंता जताई गई है। हालांकि राहत की बात यह है कि बच्चों में मोटापा के मामले कम हो रहे हैं। इसकी वजह उन्हीं अभिभावकों की बच्चों में फास्ट फूड के नुकसान को लेकर चिंता है जो खुद मोटे होते जा रहे हैं।

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इस वजह से बढ़ रहे मोटापा के मामले

विशेषज्ञों का कहना है कि पूर्वांचल में मोटापा के मामले बढ़े हैं। तेजी से शहरीकरण और अनियमित जीवनशैली ने युवाओं को मोटापे की चपेट में लेना शुरू कर दिया है। कहीं भी कुछ खा लेने, व्यायाम न करने और तनाव में रहने के कारण युवा मोटे हो रहे हैं। जब तब वह सचेत होते हैं, ज्यादातर शुगर, ब्लड प्रेशर समेत कई तरह के रोगों की चपेट में आ चुके होते हैं।

ऐसे बढ़ी संख्या

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की पांच साल पहले जारी रिपोर्ट में 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग की तकरीबन 20 प्रतिशत महिलाएं मोटापे की शिकार थीं। इस साल जारी रिपोर्ट में यह संख्या बढ़कर 21.3 प्रतिशत हो गई है। मोटापे की वजह से 64 प्रतिशत गर्भवती अत्यधिक जोखिम में हैं। मोटापे के कारण महिलाओं और पुरुषों में शुगर, ब्लड प्रेशर के मामले बढ़े हैं। दूसरे रोग भी उन्हें जकड़ रहे हैं। राहत की बात यह है कि पांच साल पहले पांच साल से कम उम्र के बच्चों में मोटापा 1.6 प्रतिशत था, अब यह 1.3 प्रतिशत हो गया है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

  • हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश सिंह ने बताया कि मोटापा बढ़ने से दिल की धड़कन अनियंत्रित हो जाती है। साथ ही सीने में दर्द, हार्ट फेल, हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट आदि की आशंका बहुत बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आंतों की चर्बी दिल के आसपास जमा हो सकती है।
  • वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. अखिलेश सिंह ने बताया कि मोटे लोगों में पित्त की पथरी, हड्डियों में दर्द, खर्राटे लेना, चलने-फिरने में दिक्कत, थोड़ा सा चलने में सांस फूलने की समस्या आदि रोग हो जाते हैं। ज्यादा मोटापा होने से व्यक्ति व्यायाम भी नहीं कर पाते। इससे दवाओं का असर भी पूरा नहीं होता। संतान पैदा करने की क्षमता भी प्रभावित होती है।
  • स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. श्वेता सिंह ने बताया कि महिलाओं में बढ़ता मोटापा चिंता की बात है। शादी के बाद महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर इतना बेफिक्र हो जाती हैं कि मोटापे की चपेट में आने लगती है। इससे मां बनने में तो दिक्कत होती ही है शुगर, हृदय, हड्डियों से जुड़े रोग भी होने लगते हैं। ध्यान न देने से रजोनिवृत्ति के बाद समस्या और बढ़ जाती है।

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