Move to Jagran APP

Coronavirus: गेट पर छोड़ जाती है एंबुलेंस, खुद ठिकाना ढूंढते हैं कोरोना संक्रमित Gorakhpur News

Coronavirus गोरखपुर में कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में लारवाही बरती जा रही है। कई अस्‍पतालों में मरीजों को गेट पर ही छोड़कर एंबुलेंस वापस चली जा रही है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 12:28 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 01:50 PM (IST)
Coronavirus: गेट पर छोड़ जाती है एंबुलेंस, खुद ठिकाना ढूंढते हैं कोरोना संक्रमित Gorakhpur News
Coronavirus: गेट पर छोड़ जाती है एंबुलेंस, खुद ठिकाना ढूंढते हैं कोरोना संक्रमित Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमितों के लिए ललित नारायण मिश्र केंद्रीय रेलवे चिकित्सालय में बना 200 बेड का आइसोलेशन वार्ड अव्यवस्था का शिकार है। कहने को यहां दो हेल्प डेस्क बनाए गए हैं, लेकिन हकीकत यह है कि मुख्य गेट पर एंबुलेंस से उतरने के बाद मरीज को खुद तय करना पड़ रहा है कि वह कहां जाए। वार्ड में गंदगी का अंबार है, इस्तेमाल मास्क इधर-उधर फेंके गए हैं। बाथरूम में इतनी गंदगी कि कोरोना से बच गए तो संक्रमण से बचना मुश्किल है। शिकायत के बाद भी कोई सुनने वाला नहीं है।

loksabha election banner

कोरोना संक्रमित मरीजों को बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज और रेलवे अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है। रेलवे अस्पताल में उन मरीजों को भर्ती किया जाता है, जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं हैं, लेकिन जांच रिपोर्ट पॉजिटिव है।

इससे अच्‍छा तो घर ही थे

रेलवे अस्पताल में भर्ती मरीजों का कहना है कि वह बार-बार स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से निवेदन कर रहे थे कि उन्हें घर पर रहने दिया जाए। वह अलग रहेंगे और डॉक्टर के निर्देश पर दवाओं का इस्तेमाल करेंगे, लेकिन कोविड 19 के नियमों का हवाला देकर अस्पताल पहुंचा दिया गया। यहां की अव्यवस्था से कोरोना के लक्षण भी आ जाएंगे।

पीएम, सीएम को ट्वीट

रेलवे अस्पताल में अव्यवस्था से नाराज इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ आर्गेनाइजेशन (आइआरटीसीएसओ) ने रेलवे अफसरों के साथ ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ट्वीट किया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) के महामंत्री विनोद राय ने आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की है।

पंखे भी खराब

मरीजों का कहना है कि अस्पताल के आधे से ज्यादा पंखे भी खराब हैं। आरोप है कि फार्मासिस्ट तक नहीं आते हैं। गेट पर बुलाकर चार गोली हाथ में दे दी जाती है। सुबह और शाम गेट पर ही बुलाकर भोजन के पैकेट भी थमा दिए जाते हैं।

केस एक : उरुवा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हालांकि उनमें कोई लक्षण नहीं हैं। एंबुलेंस ने उन्हें ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय पहुंचाया। गेट पर एक पॉलीथिन में तौलिया व साबुन और एक हाथ में चार गोलियां थमा दी गईं। दूसरे मरीजों ने उन्हें बेड तक पहुंचाया।

केस दो : रेलवे के एक कर्मचारी को कोरोना संक्रमण के बाद ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। कर्मचारी में कोरोना के लक्षण नहीं हैं। अस्पताल में गंदगी और अव्यवस्था से परेशान कर्मचारी को डर है कि इस माहौल में कोरोना के लक्षण न आ जाएं।

रेलवे अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए दो हेल्प डेस्क बनाए गए हैं। गंदगी और अव्यवस्था है, तो यह गंभीर मामला है। जांच कराकर मरीजों को सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। - श्रीकांत तिवारी, सीएमओ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.