दलित बस्ती में हमला करने का मुख्य आरोपित को जेल, बाकी अपराधी पकड़ से दूर
दलित बस्ती पर हमला करने वाले आतातायिों में अभी तक सिर्फ अपराधी गिरफतार हुआ है। बाकी पुलिस पकड़ से दूर हैं।
By Edited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 08:19 AM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 11:35 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। देवरिया जिले के गौरीबाजार थाना क्षेत्र के करजहां-महुअवां गांव में दलित बस्ती में हमला करने और आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ने वाले उपद्रवियों को चौथे दिन सोमवार को भी पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी। हालांकि गांव में पुलिस का पहरा रहा और मुख्य आरोपित को पुलिस ने जेल भेज दिया, जबकि फरार चल रहे अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की तीन टीमें लगी हैं। मुख्य आरोपित के अलावा बाकी उपद्रवी पुलिस के हाथ नहीं लग सके।
उधर, आरोपितों की गिरफ्तारी न होने से दलित समाज के लोग पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। करजहां-महुअवां गांव की दलित बस्ती में रहमत अली द्वारा दलित समाज की युवती से छेड़खानी की गई। विरोध करने पर वह अपने समुदाय के लोगों के साथ दलित बस्ती में हमला बोल दिया। जहां जो मिला, उसी बुरी तरह पीटा गया। इसमें एक दर्जन महिला, पुरुष और बच्चे घायल हो गए। उसके बाद उपद्रवियों ने डा.आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद पुलिस के माथे पर बल पड़ा और आंबेडकर प्रतिमा की मरम्मत कराने के साथ ही रहमत अली समेत एक दर्जन उपद्रवियों पर मुकदमा दर्ज की। घटना से दलित समाज के लोग दहशतजदा हैं। गांव में तनाव जैसी स्थिति को देखते हुए पुलिस का पहरा चौथे दिन भी जारी रहा। पुलिस की निगाहें दिन भर गांव के लोगों की गतिविधियों पर लगी रहीं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि रविवार की रात पुलिस की तीन टीमों ने आरोपितों के घर पर छापेमारी की, लेकिन आरोपित पुलिस के हाथ नहीं लग सके।
आरोपितों का मोबाइल बंद होने के चलते पुलिस का अचूक हथियार सर्विलांस भी उनका लोकेशन नहीं दे रहा है। क्षेत्राधिकारी रुद्रपुर व विवेचक अंबिका प्रसाद का कहना है कि गांव की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। लगातार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए टीमें दबिश दे रही हैं। नामजद आरोपित रहमत अली को जेल भेज दिया गया, जबकि फरार अन्य आरोपितों की शीघ्र गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
उधर, आरोपितों की गिरफ्तारी न होने से दलित समाज के लोग पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। करजहां-महुअवां गांव की दलित बस्ती में रहमत अली द्वारा दलित समाज की युवती से छेड़खानी की गई। विरोध करने पर वह अपने समुदाय के लोगों के साथ दलित बस्ती में हमला बोल दिया। जहां जो मिला, उसी बुरी तरह पीटा गया। इसमें एक दर्जन महिला, पुरुष और बच्चे घायल हो गए। उसके बाद उपद्रवियों ने डा.आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद पुलिस के माथे पर बल पड़ा और आंबेडकर प्रतिमा की मरम्मत कराने के साथ ही रहमत अली समेत एक दर्जन उपद्रवियों पर मुकदमा दर्ज की। घटना से दलित समाज के लोग दहशतजदा हैं। गांव में तनाव जैसी स्थिति को देखते हुए पुलिस का पहरा चौथे दिन भी जारी रहा। पुलिस की निगाहें दिन भर गांव के लोगों की गतिविधियों पर लगी रहीं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि रविवार की रात पुलिस की तीन टीमों ने आरोपितों के घर पर छापेमारी की, लेकिन आरोपित पुलिस के हाथ नहीं लग सके।
आरोपितों का मोबाइल बंद होने के चलते पुलिस का अचूक हथियार सर्विलांस भी उनका लोकेशन नहीं दे रहा है। क्षेत्राधिकारी रुद्रपुर व विवेचक अंबिका प्रसाद का कहना है कि गांव की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। लगातार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए टीमें दबिश दे रही हैं। नामजद आरोपित रहमत अली को जेल भेज दिया गया, जबकि फरार अन्य आरोपितों की शीघ्र गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
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