त्योहार पर घर आओगे कैसे, आ गए तो जाओगे कैसे, गाड़ी तो फुल हो गई
दीपावली और छठ पर्व पर गोरखपुर आने वाली ट्रेनों में जगह नहीं रह गई है। सभी सीटें बुक हो गई हैं। सवाल यह है कि लोग कैसे आएंगे।
गोरखपुर : बड़ी मुसीबत है। दीपावली और छठ पर घर आना भी जरूर है लेकिन एक ही सवाल जहन में दौड़ रहा है कि जाएं कैसे। किसी तरह घर पहुंच भी गए तो वापस कैसे होंगे। क्योंकि दिल्ली, पंजाब, मुंबई और कोलकाता आदि से गोरखपुर आने वाली गाड़ियां फुल हो चुकी हैं। खाली चलने वाली हमसफर एक्सप्रेस में भी 1 से 6 नवंबर तक वेटिंग चल रहा है।
इसमें कोई दो राय नहीं कि रेलवे का आरक्षित टिकट मिलने कभी भी आसान नहीं रहता। अब तो चार महीना पहले बुकिंग शुरू हो गई है जिससे टिकट मिलना और भी मुश्किल हो गया है। त्योहारों पर समस्या और भी गहरी हो जाती है। आंकडे़ बताते हैं कि 7 नवंबर को दीपावली मनाने घर पहुंचने वालों को कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा। दिल्ली से रुटीन चलने वाली गोरखधाम, वैशाली, बिहार संपर्क क्रांति और सप्तक्रांति एक्सप्रेस गाड़ियां तो पहले से ही भरी हुई हैं। वापसी की स्थिति भी बेहद खराब है। 8 से 10 नवंबर तक हमसफर में भी जगह नहीं है। रुटीन ट्रेनें भरी हुई हैं। छठ बाद 15 से 30 नवंबर तक बिहार और गोरखपुर से दिल्ली और पंजाब के लिए चलने वाली ट्रेनों में वेटिंग टिकट मिल रहा है। लोगों को अब तत्काल और स्पेशल ट्रेनों का इंतजार है। इसके बावजूद रेलवे प्रशासन ने अभी तक स्पेशल ट्रेनों की घोषणा नहीं की है। अब 120 दिन पहले मिल
जाएगा स्पेशल का टिकट
त्योहारों में स्पेशल ट्रेनों से यात्रा करने वाले लोगों के लिए राहत भरी खबर है। अब वे सामान्य ट्रेनों की तरह स्पेशल में भी 120 दिन पहले टिकट बुक करा सकते हैं। पूर्व की भांति टिकट में सुविधा और स्पेशल ट्रेन का अतिरिक्त चार्ज देना पड़ेगा। टिकटों का निरस्तीकरण सामान्य आरक्षित टिकटों की तरह ही होगा। रेलवे बोर्ड ने इस नई व्यवस्था को प्रयोग के आधार पर 14 जुलाई 2019 तक लागू किया है।
पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ संजय यादव ने कहा है कि वर्ष पर्यत त्योहारों में स्पेशल गाड़ियां चलाई जाती हैं। आवश्यकतानुसार ट्रेनों में अतिरिक्त कोच भी लगते हैं। दशहरा, दीपावली और छठ पर्व पर भी स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। जल्द ही घोषणा कर दी जाएगी। तैयारी चल रही है।