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विवि की वेबसाइट पर अपलोड होंगे मेगा सेमिनार के सभी सत्र Gorakhpur News

तीन दिवसीय मेगा सेमिनार सह वेबिनार के सभी सत्रों के लिंक गोरखपुर विवि की वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे। इस संबंध में कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार डा. केवी राजू के साथ प्रशासनिक भवन में बैठक की।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 02:05 PM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 02:05 PM (IST)
विवि की वेबसाइट पर अपलोड होंगे सेमिनार के सभी सत्र। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन:  गुरुवार से शुरू तीन दिवसीय मेगा सेमिनार सह वेबिनार के सभी सत्रों के लिंक गोरखपुर विवि की वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे। स्मारिका की प्रति भी वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी। इस संबंध में कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार डा. केवी राजू के साथ प्रशासनिक भवन में समीक्षा बैठक की। कुलपति ने कहा कि सभी सेक्टर कोआर्डिनेटर विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपने-अपने सत्रों से संबंधित दिशा-निर्देश अपलोड करा दें। संचालन का पूर्वाभ्यास कर लें, ताकि आयोजन के दौरान असुविधा न हो।

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डा. केवी राजू ने कहा कि सेमिनार के दौरान विभिन्न सत्रों में वक्ताओं की ओर से प्रस्तुत किए जाने वाले शोधपत्रों की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। प्रतिभागियों द्वारा उठाए गए मुद्दों व सुझाए गए उपायों के साथ अछूते रह गए मुद्दों की रिपोर्ट भी कोआर्डिनेटर तैयार करेंगे। बैठक में कुलसचिव डा. ओमप्रकाश, वित्त अधिकारी धर्मेंद्र प्रकाश त्रिपाठी, परीक्षा नियंत्रक डा. अमरेंद्र कुमार सिंह, नोडल अधिकारी प्रो. अजय सिंह समेत सभी सेक्टरों के कोआर्डिनेटर उपस्थित थे।

केंद्र सरकार ने शोध को बढ़ावा देने के लिए उठाए महत्वपूर्ण कदम

केंद्र सरकार ने शोध को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसका व्यापक असर दिख रहा है। नियमित टीकाकरण और पोषण मिशन की बदौलत बच्चों की सेहत सुधरी है। यह बातें रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) के निदेशक डा.रजनीकांत ने कही। वह भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव-2020 के कर्टन रेजर विषयक वेबिनार को बतौर वक्ता संबोधित कर रहे थे।

कोरोना से लड़ाई में भारत की भूमिका अहम

एम्स की निदेशक डा.सुरेखा किशोर ने कहा कि विश्व इस समय कोरोना वायरस से जंग लड़ रहा है। इस लड़ाई में भारत अहम भूमिका में है। इसकी मुख्य वजह चिकित्सा क्षेत्र में लगातार हो रहे प्रयोग व अनुसंधान हैं। यह विश्व बिरादरी में विज्ञान के क्षेत्र में भारत की बढ़ती धमक का एहसास करा रहे हैं। विज्ञान के प्रभाव से व्यक्ति, समुदाय और पर्यावरण को और बेहतर किया जा सकता है। इसका प्रयोग विश्व कल्याण के लिए किया जाना ही उपयुक्त होगा।


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