प्रदेश के सभी सिद्ध शक्तिपीठों को पर्यटन परिपथ से जोड़ा जाएगा, मांगी गई जानकारी
पर्यटन विभाग को अपने क्षेत्र में मौजूद शक्तिपीठ के पौराणिक महत्व और उससे जुड़ी घटनाओं के बारे विस्तार से एक लेख तैयार कराने को कहा गया है। पीठ की वर्तमान में स्थिति और वहां पहुंचने के मार्ग की जानकारी मांगी गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। प्रदेश के सभी शक्तिपीठों तक श्रद्धालुओं को पहुंचने में कोई असुविधा न हो, इसके लिए पर्यटन विभाग ने उन्हें एक परिपथ से जोडऩे की योजना बनाई है। शक्तिपीठ पर्यटन परिपथ नाम की इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए पर्यटन निदेशालय ने प्रदेश के सभी पर्यटन कार्यालयों से इस विषय में विस्तृत जानकारी मांगी है। निदेशालय का पत्र मिलने के बाद गोरखपुर का पर्यटन विभाग क्षेत्र में आने वाले सभी शक्तिपीठों की जानकारी जुटाने में जुट गया है।
शक्तिपीठों की लेखा तैयार कर रहा पर्यटन विभाग
पर्यटन विभाग को अपने क्षेत्र में मौजूद शक्तिपीठ के पौराणिक महत्व और उससे जुड़ी घटनाओं के बारे विस्तार से एक लेख तैयार कराने को कहा गया है। साथ ही यह बताने को कहा गया है कि पीठ की वर्तमान में स्थिति क्या हैं और श्रद्धालुओं के पहुंचने के लिए मार्ग की क्या व्यवस्था है। वहां श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए अबतक क्या-कया इंतजाम किए गए हैं। पीठ तक प्रतिदिन पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या भी निदेशालय ने मांगी है। इन सबके आधार पर पर्यटन विकास को लेकर एक प्रस्ताव भी तैयार करने को कहा गया है। शक्तिपीठों की जानकारी हासिल करने में कोई असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन से मदद लेने की सलाह भी निदेशालय ने दी है। यह भी कहा गया है कि जानकारी और प्रस्ताव संबंधित जिले के जिलाधिकारी द्वारा भेजा जाए।
सिद्धस्थलों का भी तैयार हो रहा ब्यौरा
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रवींद्र कुमार मिश्र का कहना है कि बौद्ध परिपथ और रामायण परिपथ की तरह अब शक्तिपीठ परिपथ बनाने की योजना तैयार की गई है। इसे लेकर शक्तिपीठों से जुड़ी विस्तृत जानकारी और उसे विकसित करने की संभावनाओं का प्रस्ताव पर्यटन निदेशालय की ओर से मांगा गया है। जानकारी जुटाई जा रही है। जल्द ही इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। शक्तिपीठों के अलावा गोरखपुर क्षेत्र में आने वाले उन शक्तिस्थलों का ब्योरा भी निदेशालय को भेजा जाएगा, जो सिद्ध स्थल है और जिनकी मान्यता शक्तिपीठ जैसी ही है।