Coronavirus Lockdown: रमजान में जकात से तकरीर तक सब ऑनलाइन Gorakhpur News
Coronavirus Lockdown लॉकडाउन की सफलता के लिए रोजेदार न केवल घरों में इबादत कर रहे हैं बल्कि मशहूर उलेमाओं की तकरीर भी ऑनलाइन सुन रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। लॉकडाउन की सफलता के लिए रोजेदार, न केवल घरों में इबादत कर रहे हैं बल्कि मशहूर उलेमाओं की तकरीर भी ऑनलाइन सुन रहे हैं। रमजान के मुबारक महीने में जकात निकालने के इच्छुक रोजेदार डिजिटल प्लेटफार्म का सहारा ले रहे हैं तो समय को सार्थक करने के लिए युवाओं ने ऑनलाइन शार्ट टर्म दीनी कोर्स में रजिस्ट्रेशन करा लिया है।
ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्ध है सारी सामग्री
रोजेदारों में इस बार ऑनलाइन तकरीर व नात सुनने का क्रेज बढ़ा है। फेसबुक, यू-ट्यूब और दूसरी दीनी वेबसाइटों पर मशहूर उलेमा-ए-कराम की तकरीर उपलब्ध है। इसमें भी कमरुज्जमा आजमी, जियाउल मुस्तफा, पीर शाकिब मुस्तफाई, पीर अजमल रजा, मुफ्ती मुजीब अशरफ, मौलाना फारुख खान रजवी, मदनी मियां, हाशमी मियां, नूरानी मियां, अमीनुल कादरी, मुफ्ती अंसारुल हक, हनीफ कुरैशी, सैयद इरफान शाह, मौलाना इलियास कादरी, कोकब नूरानी, अशरफ आसिफ जलाली, खादिम हुसैन, सैयद फैजुल्लाह चिश्ती और तारिक जमील की तकरीर सर्वाधिक सुनी जा रही है। असद इकबाल, औवेस रजा, ताहिर कादरी, शादाब पैकर, सोहराब कादरी, शब्बीर बरकाती, महमूद-उल-हसन की नात को भी लोग पसंद कर रहे हैं।
निजी संस्थाएं जुटा रही जकात की रकम
गरीब की मददगार संस्थाएं सदका, फित्रा, जकात एवं मदद की राशि ऑनलाइन जुटा रही है। एक संस्था से जुड़े मोहम्मद जावेद ने बताया कि लोग पेटीएम, गूगल-पे, फोन-पे और बैंक खातों में रकम भेज रहे हैं। हमलोग इसे जरूरतमंदों तक पहुंचा रहे हैं। गोरखपुर में दो हजार से अधिक लोगों ने जकात की राशि आनलाइन भेजी है। अन्य शहरों से भी मदद आ रही है।
ऑनलाइन चल रहे शार्ट टर्म दीनी कोर्सेज
रोजा, जकात, सदका, फित्रा, शब-ए-कद्र, एतिकाफ, तरावीह की नमाज, सहरी, इफ्तार, और रमजान में पडऩे वाली एतिहासिक तारीखों व कुरआन पढऩे का सही ढंग बताने के लिए 'तहरीक दावत इस्लामी हिन्दÓ ऑनलाइन दीनी कोर्स चला रहा रही है। शिक्षक हाजी मोहम्मद आजम अत्तारी ने बताया कि एप के जरिए सैकड़ों लोग रोजाना इस्लाम से जुड़ी बुनियादी बातें निश्शुल्क सीख रहे हैं। यह क्लास शुक्रवार को छोड़कर हफ्ते में छह दिन सुबह दस से दोपहर दो बजे तक चलती है।