MMMUT : मदन मोहन मालवीय की बगिया में खिल रहे अक्षर के फूल Gorakhpur News
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) में इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों ने सराहनीय पहल की है।
गोरखपुर, [क्षितिज पांडेय]। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) में इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों ने विद्या की बगिया सजाई है। इस बगिया के नन्हें पौधे ऐसे परिवारों के बच्चे हैं, जिनमें साक्षरता का बीज तो है, लेकिन आर्थिक विपन्नता के कारण ये पाठशाला नहीं जा पाते। इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों का प्रयास सुफल होने लगा है और ऐसे बच्चे अब इस बगिया में खिलने लगे हैं।
मशीन-साफ्टवेयर-तार-बेतार की पेचीदगियों में उलझे रहने वाले इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों का ठिकाना हर शाम साढ़े चार बजे विश्वविद्यालय परिसर का 'मालवीय शिक्षा निकेतन' होता है। यहां करीब 80 बच्चे इनके इंतजार में होते हैं। इनमें से ज्यादातर की उम्र 4 से 8 वर्ष तक है। इनमें कुछ अनियमित सफाई कर्मचारियों के और आस-पास के गांवों से हैं। कुछ 15-16 वर्ष की लड़कियां भी हैंं। चार कमरों में चल रही हर कक्षा में पढ़ाई की समय-सारिणी तय है। 2015-19 के बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के कुछ विद्यार्थियों द्वारा तैयार की गई इस बगिया के माली इन दिनों आकांक्षा बरनवाल, निशा सिंह, रवींद्र सिंह, सौरभ जायसवाल, अमित सिंह,आकांक्षा बरनवाल, प्रीति उपाध्याय हैं। ये बीटेक के अलग-अलग वर्षों के विद्यार्थी हैं।
कोचिंग संग कॅरियर काउंसिलिंग भी
यहां छोटे-बच्चों के अलावा 10-12 वीं में पढ़ रहे विद्यार्थी भी निश्शुल्क कोचिंग लेते हैं। 12वीं के बैच में केवल लड़कियां हैं, सभी आस-पास के मुहल्लों की हैं। यहां न केवल कोर्स की पढ़ाई होती है, बल्कि कॅरियर संबंधी समाधान भी होता है।
पाठ्य सामग्री का करते हैं इंतजाम
बच्चों के लिए जरूरी पाठ्य सामग्री के लिए सभी छात्र-शिक्षक मिलजुल कर इंतजाम करते हैं। विश्वविद्यालय की ओर से भी सहायता मिलती है। कुलपति प्रो. एसएन सिंह विद्यार्थियों के प्रयास को सराहते हैं। उनका कहना है कि यह प्रयास औरों के लिए मिसाल है।