AIIMS Gorakhpur: सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कल से होगी मेडिकल छात्रों की परीक्षा
AIIMS Gorakhpur के परीक्षा विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने एम्स प्रशासन को आदेश दिया था कि छात्रों को परीक्षा की तैयारी के लिए कम से कम 21 दिन का समय मिलना चाहिए। इसके बाद एम्स प्रशासन ने आठ मार्च से परीक्षा कराने का निर्णय लिया।
गोरखपुर, जेएनएन। कम उपस्थित के कारण परीक्षा से वंचित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के 12 एमबीबीएस के छात्रों की परीक्षा आठ मार्च से शुरू होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एम्स प्रशासन ने परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। 17 मार्च तक परीक्षा चलेगी। इसी महीने परिणाम भी घोषित कर दिया जाएगा।
यह था मामला
कोरोना के कारण लाकडाउन लगने के बाद पिछले साल एम्स के छात्रों की आनलाइन कक्षा शुरू की गई थी। अक्टूबर में परीक्षा हुई तो पहले एमबीबीएस प्रथम वर्ष के 20 छात्रों को कम उपस्थिति के आधार पर परीक्षा से रोक दिया गया। बाद में आठ छात्रों को परीक्षा में शामिल कर लिया गया लेकिन 12 छात्रों को परीक्षा नहीं देने दी गई। इसके खिलाफ एक छात्र ने 22 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। आठ फरवरी को एम्स प्रशासन को जवाब दाखिल करना था।
जुलूस निकाल कर डीएम कार्यालय आए थे छात्र
इसके पहले एम्स प्रशासन पर उत्पीडऩ का आरोप लगाते हुए मेडिकल छात्रों ने जुलूस निकाला और कैंट थाना व डीएम आवास पहुंच गए। अफसरों के समझाने के बाद छात्र अगले दिन वापस एम्स परिसर गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने सभी 12 छात्रों की परीक्षा लेने का आदेश दिया। एम्स की कार्यकारी डायरेक्टर डा. सुरेखा किशोर ने बताया कि परीक्षा की तिथि तय कर दी गई है।
16 फरवरी को दिया था आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने 16 फरवरी को एम्स प्रशासन को 12 छात्रों की परीक्षा कराने का आदेश दिया था। कोर्ट ने आदेश दिया था कि छात्रों को परीक्षा की तैयारी के लिए कम से कम 21 दिन का समय मिलना चाहिए। इसके बाद एम्स प्रशासन ने आठ मार्च से परीक्षा कराने का निर्णय लिया।