बिलिंग एजेंसी का खत्म होगा करार, निर्धारित से कम बिजली बिल बनाने की शिकायत Gorakhpur News
उपभोक्ताओं के परिसर में लगे मीटर की रीडिंग लेकर बिल बनाने की जिम्मेदारी बीसीआइटीएस एजेंसी को दी गई है। इसके खिलाफ तमाम शिकायतें हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। बिल बनाने में लापरवाही बरतने वाली एजेंसी बीसीआइटीएस का करार खत्म करने की तैयारी शुरू हो गई है। अधीक्षण अभियंता शहर की संस्तुति पर मुख्य अभियंता ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखा है।
बिल बनाने की जिम्मेदारी बीसीआइटीएस एजेंसी को
उपभोक्ताओं के परिसर में लगे मीटर की रीडिंग लेकर बिल बनाने की जिम्मेदारी बीसीआइटीएस एजेंसी को दी गई है। बिजली निगम एजेंसी को प्रति बिल दस रुपये का भुगतान करता है। जबसे काम दिया गया है तबसे एजेंसी 70 फीसद तक भी बिल नहीं बना सकी है। उपभोक्ता लगातार आरोप लगाते हैं कि घर बैठे बिल बनाया जा रहा है। इससे बिल में कई तरह की गड़बड़ी मिल रही है। पिछले दिनों बिजली निगम के चेयरमैन अरविंद कुमार के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में गड़बड़ी और कम बिल बनने की अफसरों ने शिकायत की थी। इस पर चेयरमैन ने एजेंसी से करार खत्म करने के लिए अफसरों से संस्तुति मांगी थी।
17 तक कट जाएगी बड़े बकायेदारों की बिजली
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक वाणिज्य ओपी दीक्षित ने बिजली निगम के अफसरों संग बैठक कर बिल वसूली की समीक्षा की। निदेशक ने निर्देश दिए कि 10 किलोवाट क्षमता के कनेक्शन वाले 15 सौ बकायेदारों की बिजली हर हाल में 17 अगस्त की शाम पांच बजे तक काटी जाए। उन्होंने कहा कि इस काम में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। हमें बकाया वसूली करनी है तो करनी ही है। अब किसी भी सूरत में हीला हवाली बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि कनेक्शन तभी जोड़ा जाए जब बकाया का भुगतान हो जाए। इसके बाद पांच किलोवाट से नौ किलोवाट तक के बकायेदारों का कनेक्शन काटा जाए। निदेशक वाणिज्य ने कम और गलत बिल बनने पर नाराजगी जताई। उन्होंने बिङ्क्षलग एजेंसी के अफसरों को फटकार लगाई। इस दौरान मुख्य अभियंता देवेंद्र ङ्क्षसह, अधीक्षण अभियंता शहर यूसी वर्मा और सभी अधिशासी अभियंता मौजूद रहे।